सेल्फी लेते हुए मलांजकुडूम वाटर फॉल से पैर फिसल जाने से एक युवक झरने में गिर गया था। प्रशासन को सूचना मिलने के बाद आधी रात मलांजकुडूम प्रपात में रेस्क्यू ऑपरेशन चला। जिसमें पत्थरों के बीच फंसे युवक तक रेस्क्यू टीम पहुंची, लेकिन युवक को बचाया न जा सका।
नरहरपुर क्षेत्र के देवगांव निवासी गोपीचंद नेताम (23) अपने मित्र रोहित नेताम और परमेश्वरी के साथ शनिवार को घुमन के लिए दूध नदी के उद्गम स्थल मलांजकुडूम जलप्रपात गए हुए थे। इस दौरान तीनों सीढ़यिों से चढ़कर वाटर फॉल के ऊपरी हिस्से में पहुंच गए।
इसी दौरान गोपीचंद वाटर फाल के ऊपरी हिस्से में मोबाइल से सेल्फी ले रहा था। सेल्फी लेते समय गोपी का पैर फिसल गया, जिससे वह वाटर फाल में जा गिर गया और पानी के तेज बहाव के बीच ऊंचाई से गिरकर गोपी वाटर फाल में पत्थरों के बीच जा फंसा। जिसके बाद परमेश्वरी, रोहित और आसपास मौजूद लोगों ने तलाश करने का प्रयास किया, लेकिन गोपी के कहीं दिखाई नहीं देने पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस तक सूचना पहुंचते तक अंधेरा होने लगा था। सूचना मिलने पर एसडीएम यूएस बंदे, तहसीलदार मनोज मरकाम और थाना प्रभारी देशमुख मौके पर पहुंच गए थे और युवक की पता तलाश की।
इसी बीच आसपास के ग्रामीण भी वहां पहुंचे और गोपी खोजबीन में जुटे हुए थे, लेकिन अंधेरा होने और बारिश होने के कारण रेस्क्यू कार्य में बाधा आ रही थी। रात लगभग नौ बजे रेस्क्यू टीम के जवान पत्थरों के बीच फंसे गोपी तक पहुंचे, लेकिन तब तक गोपी की मौत हो चुकी थी।
इसी बीच बारिश के कारण झरने में पानी का बहाव भी बढ़ गया। बताया जा रहा है कि पानी बढ़ जाने के कारण रेस्क्यू के झरने में उतरी टीम भी काफी देर फंसी रही। रात 11 बजे रेस्क्यू टीम शव को लेकर झरने से बाहर निकली।
पहले भी हो चुका है हादसा
मलाजकुडूम में इससे पहले भी झरने में गिरने के कारण एक युवक की मौत हो चुकी है। हालांकि इस घटना को काफी समय बीत गया। लेकिन बारिश के दिनों में अक्सर लोग मलांजकुडूम जलप्रपात देखने के लिए जाते हैं, ऐसी स्थिति में ऊंचाई में जाकर सेल्फी लेना जान लेवा साबित होता है। लोग अक्सर यहां जाने के बाद सावधानी नहीं रखते हैं और जल प्रपात की पत्थरों पर चढ़ जाते हैं।
नरहरपुर क्षेत्र के देवगांव निवासी गोपीचंद नेताम (23) अपने मित्र रोहित नेताम और परमेश्वरी के साथ शनिवार को घुमन के लिए दूध नदी के उद्गम स्थल मलांजकुडूम जलप्रपात गए हुए थे। इस दौरान तीनों सीढ़यिों से चढ़कर वाटर फॉल के ऊपरी हिस्से में पहुंच गए।
इसी दौरान गोपीचंद वाटर फाल के ऊपरी हिस्से में मोबाइल से सेल्फी ले रहा था। सेल्फी लेते समय गोपी का पैर फिसल गया, जिससे वह वाटर फाल में जा गिर गया और पानी के तेज बहाव के बीच ऊंचाई से गिरकर गोपी वाटर फाल में पत्थरों के बीच जा फंसा। जिसके बाद परमेश्वरी, रोहित और आसपास मौजूद लोगों ने तलाश करने का प्रयास किया, लेकिन गोपी के कहीं दिखाई नहीं देने पर उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस तक सूचना पहुंचते तक अंधेरा होने लगा था। सूचना मिलने पर एसडीएम यूएस बंदे, तहसीलदार मनोज मरकाम और थाना प्रभारी देशमुख मौके पर पहुंच गए थे और युवक की पता तलाश की।
इसी बीच आसपास के ग्रामीण भी वहां पहुंचे और गोपी खोजबीन में जुटे हुए थे, लेकिन अंधेरा होने और बारिश होने के कारण रेस्क्यू कार्य में बाधा आ रही थी। रात लगभग नौ बजे रेस्क्यू टीम के जवान पत्थरों के बीच फंसे गोपी तक पहुंचे, लेकिन तब तक गोपी की मौत हो चुकी थी।
इसी बीच बारिश के कारण झरने में पानी का बहाव भी बढ़ गया। बताया जा रहा है कि पानी बढ़ जाने के कारण रेस्क्यू के झरने में उतरी टीम भी काफी देर फंसी रही। रात 11 बजे रेस्क्यू टीम शव को लेकर झरने से बाहर निकली।
पहले भी हो चुका है हादसा
मलाजकुडूम में इससे पहले भी झरने में गिरने के कारण एक युवक की मौत हो चुकी है। हालांकि इस घटना को काफी समय बीत गया। लेकिन बारिश के दिनों में अक्सर लोग मलांजकुडूम जलप्रपात देखने के लिए जाते हैं, ऐसी स्थिति में ऊंचाई में जाकर सेल्फी लेना जान लेवा साबित होता है। लोग अक्सर यहां जाने के बाद सावधानी नहीं रखते हैं और जल प्रपात की पत्थरों पर चढ़ जाते हैं।