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महाराष्ट्र से संबंध और सफर, इंद्रावती और मेटलाचेरु में खत्म हो जाता है..

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छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर बन रहे तिमेड़ पुल के अगली बारिश से पहले पूरी होने की उम्मीद है। तारलागुड़ा मार्ग पर तारूड़ पुल निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। साल के अंत तक इसके भी बन जाने की संभावना है। तिमेड़ और तारूड़ पुल जिले की दो महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से हैं। इनके बन जाने से बीजापुर तेलंगाना और महाराष्ट्र से सीधे जुड़ जाएगा। बता दें कि अंचल में इस समय मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते बीजापुर का तेलंगाना और महाराष्ट्र से संपर्क टूट चुका है। तिमेड़ पुल इंद्रावती नदी पर निर्माणाधीन है, जबकि तारलागुड़ा मार्ग पर तारूड़ नाले के अलावा इसी मार्ग पर आगे एक अन्य पुल निर्माणाधीन है। भोपालपट्नम से लगे तिमेड़ में इंद्रावती पर आठ साल पहले उच्चस्तरीय पुल का निर्माण शुरू हुआ था। इस समय पुल का निर्माण स्लैब स्तर तक पहुंच चुका है। हालांकि कार्य की धीमी गति के चलते इस पुल का निर्माण तय समयावधि में पूरा नहीं हो सका। अब तक इस पुल को पूर्ण होकर दो राज्यों को जुड़ जाना चाहिए था। महाराष्ट्र सरकार ने निर्माण का कार्य वहां के ही वशिष्ठा कंपनी को दे रखा है। वर्ष 2016 में ग्राम सुराज अभियान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह तिमेड़ पहुंचे थे। उन्होंने हेलीकॉप्टर से निर्माणाधीन पुल का अवलोकन करने के साथ 2017 के अंत तक तिमेड़ पुल के लोकार्पण का दावा किया था। पुल का निर्माण सात करोड़ की लागत से कराया जा रहा है। पुल की महत्ता ना सिर्फ दो राज्यों की कनेक्टिविटी को लेकर है, बल्कि व्यापारिक संसाधनों में वृद्धि के नजरिए से भी इसकी उपयोगिता है। एनएच- 63 और निजामाबाद मार्ग पर बन रहा यह पुल दो राज्यों को आपस में जोड़ने और व्यापारिक संसाधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है।

बरसाती मौसम के अलावा ठंड में इंद्रावती में जलस्तर अधिक होने की स्थिति में दोनों राज्यों में आवागमन नाव के सहारे होता है। वहीं जनवरी-फरवरी तक इंद्रावती पर रपटा तैयार कर वाहनों की आवाजाही किसी तरह हो पाती है। अब चूंकि पुल का काम अंतिम चरण पर है, ऐसे में साल के अंत तक इसके बन जाने की उम्मीद जिलेवासियों को है। वहीं तारलागुड़ा मार्ग पर तारूड़ सहित दो उच्च स्तरीय पुल भी साल के अंत तक बन जाएंगे। इसके बाद बीजापुर तेलंगाना से सीधे संपर्क में होगा। लगभग 42 करोड़ की लागत से तारलागुड़ा मार्ग सहित मार्ग पर रामपुरम, तारूड़ सहित तीन उच्चस्तरीय पुल प्रस्तावित थे। इसमें रामपुरम पुल बनकर तैयार है और इसके ऊपर से वाहनों की आवाजाही हो रही है। तारूड़ में बना रपटा बारिश की वजह से जलमग्न है, यही वजह है कि मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित है। साल के अंत तक शेष दो उच्च स्तर पुलों के निर्माण हो जाने से बीजापुरवासियों के लिए तेलंगाना का सफर भी आसान हो जाएगा।