भारत सरकार ने 2018 में हुए बाधों की गणना के आंकड़ें जारी किये हैं. इसके मुताबिक झारखंड में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. झारखंड में अब बाघों की संख्या पांच हो गई है. 2014 में यह मात्र तीन थी. वैसे इस बार पूरे देश में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है.
बाघों के संरक्षण पर करोड़ों खर्च
झारखंड में केवल पलामू टाइगर रिजर्व में ही बाघ पाये जाते हैं. राज्य में बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर प्रोजेक्ट के तहत केन्द्र ने पिछले सात सालों में 12 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. इतनी ही राशि राज्य सरकार ने भी खर्च किये हैं. 2010 में सूबे में बाघों की संख्या 10 होने की पुष्टि हुई थी. लेकिन 2014 में यह मात्र तीन रह गई.

भारत सरकार बाघों के संरक्षण के लिए टाइगर फाउंडेशन के तहत राज्य सरकारों को राशि देती है. पीएम मोदी ने सोमवार को अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट-2018 जारी की. इसके अनुसार देश में बाघों की संख्या पिछले पांच साल में 1577 बढ़ी है. 2014 में बाघों की संख्या 1400 थी, जो 2019 में 2977 हो गई है. देश के सभी टाइगर रिजर्व में एक साल बाघों की गणना चली. इस दौरान कई ट्रैक कैमरे लगाये गये.
झारखंड में बाघों की गणना 1 जनवरी 2018 से दिसम्बर 2018 तक चली. इस दौरान पूरे पलामू रिजर्व एरिया में ट्रैप कैमरा लगना था. लेकिन कई कारणों से पूरे एरिया में कैमरे नहीं लगे.