राजनांदगांव। बच्चों में मधुमेह टाइप-1 डायबिटीज (बाल मधुमेह) की समय पर पहचान, प्रभावी उपचार और समुदाय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने हेतु जिला स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का विशेष दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने कहा कि यह पहल बच्चों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय एवं प्रेरक है।
कार्यशाला में सभी स्वास्थ्यकर्मियों को टाइप-1 डायबिटीज (बाल मधुमेह) का स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव और इसकी जल्द से जल्द पहचान, उसके अनुरूप इलाज और विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। ताकि वे अपने-अपने स्तर पर बेहतर सेवाएँ प्रदान कर सके। मुख्य रूप से टाइप-1 डायबिटीज की पहचान, उपचार व प्रबंधन, काउंसलिंग, रोगी सहायता समूह की भूमिका, समुदाय आधारित जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य तथा पारिवारिक सहयोग जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग और स्वास्थ्य विशेषज्ञ यूनिसेफ डॉ. गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में यूनिसेफ की टीम द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों का प्रशिक्षण में शत प्रतिशत सहभागिता, निकट भविष्य में रोगियों के लिए विशेष लाभकारी होगा। कार्यशाला में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश जंघेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार, जिला एनसीडी सलाहकार डॉ. विकास राठौर, सचिवालय सहायक श्रीमती प्रियल कश्यप, सचिवालय सहायक हरीश वैष्णव और यूनिसेफ टीम का विशेष सहयोग रहा।



