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“खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की विगत 2 सालों की उपलब्धियां”

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रायपुर। प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों के साथ सभी परिवारों को भोजन का अधिकार सुनिश्चित करने तथा पात्रता अनुसार राशन सामग्री उपलब्ध कराने हेतु छत्तीसगढ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा (संशोधन) अधिनियम 2019 क्रियान्वित है।

गरीब और जरूरतमदं परिवारों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का क्रियान्वयन एवं खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना, किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, आम उपभोक्ताओं के लिए सही माप-तौल की वस्तुएं उपलब्ध कराना तथा उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण खाद्य विभाग के प्रमुख मूलभूत दायित्व में शामिल है। विभाग विगत कई वर्षो इन सभी दायित्वों को भली-भांति पूरा कर रहा है।

समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन – वर्ष 2023 से धान उपार्जन सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 21 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। उसी तरह किसानों को उपार्जित धान की राशि रू. 2300 प्रति क्विंटल से बढ़ाकर राशि रू. 3100 प्रति क्विंटल किया गया है। इसके फलस्वरूप राज्य में लगभग 25लाख किसानों को समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का लाभ प्राप्त हो सका है।खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में प्रदेश में धान खरीदी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से49 लाख किसानों से रिकार्ड 149.25 लाख मे.टन धान की खरीदी की गई है, जो कि राज्य गठन के बाद सर्वाधिक है, तथा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 की तुलना में 4.33 लाख मे.टन अधिक है। प्रदेश के पात्र किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक धान का उपार्जन किया जा रहा है एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य के अतिरिक्त कृषक उन्नति योजना अंतर्गत प्रदाय राशि मिलाकर कुल 3100/- रू. प्रति क्विंटल भुगतान किया जा रहा है, जो कि देश में सर्वाधिक है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में प्रदेश के 24.72 लाख किसानों को समर्थन मूल्य एवं कृषक उन्नति योजना अंतर्गत कुल राशि रू. 44954.44 करोड़ अंतरित की गई, जबकि 2024-25 में 25.49 किसानों को समर्थन मूल्य एवं कृषक उन्नति योजना अंतर्गत कुल राशि रू. 46289.06 करोड अंतरित की गई है। बीते 15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के तहत् अब तक राज्य में कुल 54लाख 5 हजार 577 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। जिसमें 25 लाख 626 क्विंटल मोटा धान, 10 लाख 1 हजार 722 क्विंटल पतला तथा 19लाख 3 हजार 229 क्विंटल सरना धान शामिल है।

राज्य के सभी जिलों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला बिना किसी व्यवधान के अनवरत रूप से जारी है। धान खरीदी शुरू हुए अभी नौ दिन ही हुए हैं, इसके बावजूद भी राज्य के उपार्जन केन्द्रां में धान की आवक तेजी से होने लगी। सभी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में धान लेकर आने वाले किसानों से बिना किसी रूकावट के धान खरीदी की जा रही है। 25 नवंबर तक राज्य में 2244 धान उपार्जन केन्द्र में धान की खरीदी किसानों से समर्थन मूल्य पर की गई है।राज्य के सभी 2739 धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधा हेतु पारदर्शी टोकन प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन, नमी मापक यंत्र, बारदाना एवं अन्य सुविधाएं सुनिश्चित की गई है, ताकि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। धान उपार्जन के समानांतर किसानों को भुगतान की व्यवस्था भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुनिश्चित की गई है। इस साल धान खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ को 15000 करोड़ रूपए की बैंक गारंटी दी है, ताकि किसानों को समर्थन मूल्य के भुगतान में किसी भी तरह की दिक्कत न होने पाएं। राज्य के सभी 33 जिलों में धान खरीदी की शुरूआत हो चुकी है। 18 नवंबर की स्थिति में 2739 उपार्जन केन्द्र में किसानों ने अपना धान बेचा है। जिलों से मिल रही सूचना के अनुसार उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की चॉक, चौबंद व्यवस्था को लेकर किसान प्रसन्न हैं। उन्हें उपार्जन केन्द्र में धान बेचने के लिए न तो इंतजार करना पड़ रहा है न ही धान तौलाई में किसी भी तरह की दिक्कत हो रही है।

विगत 02 वर्षो में प्रदेश के राईस मिलरों को प्रोत्साहन सह मिलिंग शुल्क कुल राशि रू. 2605.66 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है, जो कि राज्य गठन के बाद सर्वाधिक है। मिलरों के भुगतान की प्रणाली को पूर्णत ऑनलाईन एवं पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित किया गया है। साथ ही प्रदेश के 2739 समितियों को विगत 02 वर्षो में लगभग सकल राशि 1801.55 करोड़ रू. अंतरित किये गये है ।

किसानों की सुविधा एवं बेहतर चिन्हांकन के दृष्टिगत प्रदेश के सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमेट्रिक डिवाईस के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। जिससे रियल टाईम में किसानों से धान खरीदी संभव हो सकी है साथ ही आधार सत्यापन के माध्यम से फर्जी धान उपार्जन को नियंत्रित किया गया है। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल एंडकमांड सेन्टर के माध्यम से धान उपार्जन एवं निराकरण की प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं में नियंत्रित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली – 2.1 खाद्य सुरक्षा से लाभान्वितों की संख्या में वृद्धि – राज्य में जनवरी 2024 में 77 लाख राशनकार्ड प्रचलित थे इनमें शामिल69 करोड़ व्यक्तियों अर्थात् राज्य की 86 प्रतिशत् जनसंख्या (2024 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर) को रियायती दर पर चावल का वितरण किया जा रहा था। वर्तमान में कुल 82.11 लाख राशनकार्ड प्रचलित है। इन राशनकार्डो में 2.73 करोड़ सदस्य पंजीकृत है। वर्तमान में राज्य के 89 प्रतिशत जनसंख्या (2025 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर) को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। विगत 02 वर्ष के दौरान राज्य में लगभग 7.96 लाख नवीन राशनकार्ड जारी किये गये तथा 11. 83 लाख नवीन सदस्य राशनकार्डो में जोड़े गये है।

नवीन उचित मूल्य दुकानों का आबंटन- राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में 14,073 शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालित है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुचारू क्रियान्वयन एवं हितग्राहियों को खाद्यान्न प्राप्त करने में आसानी हो एवं समय पर खाद्यान्न प्राप्त हो सके इसलिए विगत 02 वर्षो में 311नवीन उचित मूल्यों दुकानों का आबंटन करके खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है।

राशनकार्ड नवीनीकरण – खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जनवरी 2024 में कुल प्रचलित 77.10 लाख राशनकार्डो में से 73.94 लाख राशनकार्डो का नवीनीकरण 25 जनवरी 2024 से 30 मई 2025 तक पूर्ण कराया गया है। राशनकार्ड नवीनीकरण से राशनकार्ड का डेटाबेस त्रुटिरहित हुआ है।

2.4 फोर्टिफाईड चावल वितरण पीडीएस के माध्यम से खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2020 में आयरन फोलिक एसिड युक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण कोण्डागांव जिले से प्रारंभ किया गया था, जिसे वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में पीडीएस, मध्यान्ह भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना में फोर्टिफाईड चावल वितरण किया जा रहा है। पीडीएस के अंतगर्त राज्य के 73 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डो में प्रतिमाह निर्धारित मासिक पात्रता अनुसार फोर्टिफाईड चावल निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जनवरी 2024 से अक्टबू र 2025 तक राशनकार्डधारियांे को 49.11 लाख टन फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया गया है।

2.5 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना –भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डो पर जनवरी 2024 से खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की तरह ही राज्य योजना के अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डो में खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य के 73 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डो में प्रतिमाह निर्धारित मासिक पात्रता अनुसार चावल निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक राशनकार्डधारियों को 24.64 लाख टन चावल का वितरण किया गया है।

2.6 बस्तर संभाग के जिलों में गुड़ वितरण -राज्य के बस्तर संभाग के निवासियों में आयरन की कमी दूर करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत बस्तर संभाग के 7.82 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को जनवरी 2020 से प्रतिमाह रियायती दर 17 रूपये प्रति किलो उपभोक्ता दर पर 02 किलो गुड़ प्रदाय किया जा रहा है। गुड़ का उपार्जन की छत्तीसगढ़ स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा निविदा के माध्यम से की जा रही है। जनवरी 2024 से अक्टबू र 2025 तक राशनकार्डधारियों को 19,197 टन गुड़ का वितरण किया गया है।

2.7 चना वितरण – राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों एवं माडा क्षेत्र के अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरा करने हेतु रियायती दर 5 रूपये प्रतिकिलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 31.25 लाख अन्त्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवार को लाभान्वित किया जा रहा है। जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक राशनकार्डधारियों को 1,03,478 टन चना का वितरण किया गया है।

2.8 रिफाईन्ड आयोडाईज्ड नमक वितरण – राज्य के निवासियों में आयोडीन की कमी से होने वाले बीमारियों से बचाव के लिये वर्ष 2004 से पीडीएस के अंतर्गत अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों को अनुसूचित क्षेत्र में 02 किलो तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में 01 किलो आयोडीनयुक्त नमक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य के 73 लाख राशनकार्डधारी परिवार को लाभान्वित किया जा रहा है। जनवरी 2024 से अक्टबू र 2025 तक राशनकार्डधारियों को 1,89,971 टन नमक़ का वितरण किया गया है।

2.9 शक्कर वितरण -सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों को प्रतिमाह 01 किलो शक्कर 17 रूपये प्रतिकिलो की उपभोक्ता दर पर वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य के 73 लाख राशनकार्डधारी परिवार को लाभान्वित किया जा रहा है। जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक राशनकार्डधारियों को 1,39,003 टन शक्कर का वितरण किया गया है।

2.10 चावल उत्सव – सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन सामग्री वितरण की नियमित निगरानी के लिए वर्ष 2008 से चावल उत्सव प्रारंभ किया गया है। जिन गांवों में उचित मूल्य दुकान संचालित है, प्रथम हाट-बाजार के दिन तथा शेष उचित मूल्य दुकानों में प्रत्येक माह की 07तारीख को चावल उत्सव आयोजित किया जाता है। चावल उत्सव के दौरान जिला नचसंइकीप प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी एवं उचित मूल्य दुकान की निगरानी समिति के समक्ष राशनकार्डधारियों को राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। चावल उत्सव के आयोजन से राशनकार्डधारियों को समय पर राशन सामग्री प्राप्त हो जाती हैं।

नियद नेल्लानार योजना – नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग के 05 जिल बीजापुर, सुकमा,दंतेवाड़ा, नारायणपुर एवं कांकेर के चयनित दूरस्थ 402 ग्रामों के कुल 42,220राशनकार्डधारी परिवारों को प्रतिमाह खाद्यान्न, चना, शक्कर, नमक व गुड़ का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। नियद नल् लानार योजना प्रारंभ होने के पश्चातराशनकार्डधारियांे को सुगमतापूर्वक राशन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए पूर्व में केन्द्रीकृत रूप से अन्य पंचायतों में संचालित उचित मूल्य दुकानों में से अधिकांश दुकानों को उनके मूल पंचायतों में संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इन ग्रामों में 18 नवीन उचित मूल्य दुकान स्वीकृत किया गया है।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना – राज्य के महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए तथा ग्रामीण और सुदूर अंचल में प्रदूषण रहित स्वर्च्छ इंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना संचालित है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत बीपीएल महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य में पीएम उज्जवला योजना के अंतर्गत अब तक 38 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन जारी किया गया है। वर्ष2025 मंे प्रधानमत्रं उज्जवला योजना के अंतर्गत नवीन गैस कनेक्शन जारी करने हेतु जिलों में कार्यवाही प्रचलित है। आगामी 03 वर्ष की कार्ययोजना 1. स्मार्ट-पीडीएस योजना का क्रियान्वयन -स्मार्ट-पीडीएस योजना केन्द्र प्रवर्तित योजना है। इस योजना में भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सभी चरणों (राशनकार्ड प्रबंधन, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, खाद्यान्न वितरण आदि) का केन्द्रीकृत रूप से ऑनलाईन संचालन किया जावेगा। राज्य मं े स्मार्ट-पीडीएस योजना का क्रियान्वयन 2026 तक किये जाने की कार्य योजना है।

ऑफलाईन उचित मूल्य दुकानों को ऑनलाईन कराना – राज्य के दूरस्थ एवं ग्रामीण तथा नेटवर्कविहीन ग्राम पंचायतों में संचालित 813उचित मूल्य दुकानों में नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण ऑफलाईन खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। ऑफलाईन वितरित खाद्यान्न का समय-समय पर कनेक्टिविटी क्षेत्र में आकर विभागीय सर्वर में अपलोड किया जाता नचसंइकीप है। इन दुकानों में आधार प्रमाणीकरण से वितरण नहीं होता है। इन दुकानों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की उपलब्धता हेतु दूरसंचार विभाग से समन्वय कर नेटवर्क की समस्या का निराकरण किये जाने की कार्ययोजना है। 3. उचित मूल्य दुकान सह गोदामविहीन उचित मूल्य दुकानों में दुकान सह गोदाम भवन का निर्माण – वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों में 6,585 उचित मूल्य दुकान में स्वयं का दुकान सह गोदाम भवन नहीं है। यह दुकाने अन्य शासकीय भवन अथवा निजी/किराये के भवन में संचालित हो रहे है। इन उचित मूल्य दुकानों के लिए दुकान सह गोदाम भवन निर्माण हेतु विभागीय बजट में राशि का प्रावधान कराकर गोदाम भवन निर्माण कराने की कार्य योजना है।