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“PM मोदी ने नक्सलवाद को लेकर देशवासियों को गारंटी दी, छत्तीसगढ़ और भारत का हर कोना इस खतरे से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा”

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले 11 सालों में देश में माओवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 125 से घटकर तीन रह गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ और भारत का हर कोना इस खतरे से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।

नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर ‘छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा की सराहना की। कहा कि 25 साल पहले जो बीज बोया गया था, वह अब विकास के ‘वट वृक्ष’ में बदल गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात की खुशी है कि आज हमारा छत्तीसगढ़ नक्सलवाद माओवादी आतंक की बेड़ियों से मुक्त हो रहा है। नक्सलवाद की वजह से 50-55 साल तक आपने जो झेला वह पीड़ा दायक है। आज जो लोग संविधान की किताब का दिखावा करते हैं, जो लोग सामाजिक न्याय के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं उन्होंने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए आपके साथ दशकों तक अन्याय किया है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि माओवादी आतंक के कारण लंबे समय तक छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके सड़कों से वंचित रहे। बच्चों को स्कूल नहीं मिले, बीमारों को अस्पताल नहीं मिले और जो वहां थे बम से उसे उड़ा दिया जाता था। डॉक्टर को, शिक्षकों को मार दिया जाता था तथा दशकों तक देश पर शासन करने वाले लोग जनता को अपने हाल पर छोड़कर एयर कंडीशन कमरों में बैठकर अपने जीवन का आनंद लेते रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी अपने आदिवासी भाई-बहनों को हिंसा के इस खेल में बर्बाद होने के लिए नहीं छोड़ सकता था। मैं लाखों माता बहनों को अपने बच्चों के लिए रोते हुए नहीं छोड़ सकता था। 2014 में आपने हमें अवसर दिया। हमने भारत को माओवादी आतंक से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया और आज इसके नतीजे देश देख रहा है।

मोदी ने कहा कि 11 साल पहले देश के 125 जिले माओवादी आतंक की चपेट में थे। अब 125 जिलों में से सिर्फ तीन जिले बचे हैं। मैं देशवासियों को गारंटी देता हूं वह दिन दूर नहीं जब हमारा छत्तीसगढ़, हमारा हिंदुस्तान, हिंदुस्तान का हर कोना माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के जो साथी हिंसा के रास्ते पर निकल पड़े थे वह तेजी से हथियार डाल रहे हैं। कुछ दिन पहले कांकेर में 20 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में लौट आए। इससे पहले 17 अक्टूबर को बस्तर में 200 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। बीते कुछ महीनों में ही देश भर में माओवादी आतंक से जुड़े दर्जनों लोगों ने हथियार डाल दिए। इनमें से बहुतों पर लाखों रुपए का इनाम हुआ करता था। अब इन्होंने बंदूक छोड़कर, देश के संविधान को स्वीकार कर लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां बम-बंदूक का डर था वहां हालात बदल गए हैं। बीजापुर के चिकपल्ली गांव में सात दशक के बाद पहली बार बिजली पहुंची है। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के रेकावाया गांव में आजादी के बाद पहली बार स्कूल बनाने का काम शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि पूवर्ती गांव जो कभी आतंक का गढ़ कहा जाता था आज वहां विकास के कामों की बयार बह रही है। अब लाल झंडे की जगह हमारा तिरंगा शान से लहरा रहा है। आज बस्तर जैसे क्षेत्रों में डर नहीं उत्सव का माहौल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं जब नक्सलवाद जैसी चुनौती के बावजूद हम पिछले 25 वर्षों में आगे बढ़ सके। अब नक्सलवाद के खात्मे के बाद हमारी गति और कितनी तेज हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए आने वाले वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। विकसित भारत बनाना है, इसके लिए छत्तीसगढ़ का विकसित होना बहुत जरूरी है।

उन्होंने राज्य के नौजवानों से कहा कि यह उनका समय है। ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जिसे वह प्राप्त न कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, यह मोदी की गारंटी है, आपके हर कदम, हर संकल्प के साथ मोदी खड़ा है। हम मिलकर छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाएंगे, देश को आगे बढ़ाएंगे।’’