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CG: “पटाखें वालों ने की जीएसटी चोरी, पकड़ लो साहब” बिना अग्निशमन सर्टिफिकेट के कपड़े के टेंट में पटाखों की हो रही बिक्री…

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जीएसटी की चोरी करने वाले वालों ने प्रशासन की आंख में धूल झोंकते हुए कपड़ों के सेल में पटाखा की खुलेआम की जा रही है ।

5 सौ, 6सौ, हज़ार और 12 सौ के एमआरपी पर किसी प्रकार की जीएसटी नहीं वसूल की जा रही है औऱ न ही कोई खरीदी का बिल दिया जा रहा है। बिना जीएसटी के दो नम्बर में ही दुकानदार वैधानिक लाइसेंस के बिना पटाखों की करोड़ों की बिक्री गुढिय़ारी,रामनगर से लेकर गोल बाज़ार, फूल चौक, पटाखा बाज़ार, टिकरापारा , तेलीबांधा औऱ आउटर के शहर के सभी क्षेत्र में बिना जीएसटी के धड़ल्ले से बिक्री हुई।

टिकरापारा चौक, रामनगर, फूलचौक, गोलबाजार में भी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया, लाइन लगाकर पटाखा की बिक्री की गई। एक अनुमान के अनुसार 120 करोड़ के पटाखे पूरे छत्तीसगढ़ में बिक्री हुई हैं लेकिन किसी ने भी जीएसटी हीं पटाया।

सभी पटाखा वाले जीएसटी चोर कर रहे हैं । आधी क़ीमत पटाका बेचने का लालच देकर जनता से अनाप शनाप पैसा वसूल करने के लिए एमआरपी 3 गुना- चार गुना बढ़ा कपड़ों के साथ पटाकों की बिक्री की गई। वही डिस्काउंट के नाम पर पटाखा अनाप-शनाप दाम पर बेचा जा रहा है लेकिन जीएसटी क़ानून जीएसटी दर एमआरपी के अनुसार राज्य कोष में जीएसटी देना था।

पटाखा बेचने माल का राज्य में राजस्व कोष एमआरपी दर से जीएसटी लागू करने के नियम के अनुसार एमआऱपी के अनुसार जीएसटी पटाना चाहिए लेकिन ऐसा पूरे प्रदेश में किसी भी पटाखा विक्रेताओं ने नहीं किया कुछेक पटाखा विक्रेता तो अपने आप को छत्तीसगढ़ राज्य का पटाखा निर्माता भी बताते हैं और यह बताकर वे हर प्रकार की सरकारी छूट और सहायता लेते हैं लेकिन शिवाकाशी से और अन्य जगह से तरह तरह के पटाखे चाइना के पटाखे जीएसटी चोरी कर बेचना एक आदत सी बन गई है और सभी व्यापार पटाखा लाइसेंस फै़क्टरी के नाम से फै़क्टरी आउटलेट को मिलते है जो दीपावली संबंधित होते हैं.

लेकिन उसके उपरांत भी और पटाखे के दुकान पर जनता की जान की क़ीमत पर चालू रहती है किसी अनहोनी का इंतज़ार करता यहाँ का जिला प्रशासन मात्र एक बॉक्स पटाखे के ऊपर रायपुर जनता को मुसीबत में डाल रहा है जनता की जान माल की सुरक्षा का बिलकुल भी संज्ञान नगर निगम जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने संज्ञान में नहीं दिया था उसका महत्वपूर्ण कारण पटाखा वितरण जो पटाखा व्यापारियों के समर्थक नेता का नाड़ा पायजामा धमकी और चमकी के बल पर बरसों से इस तरह का कारनामा कर दिखा रहे है।

ग़ौरतलब है कि अधिकांश पटाखा व्यापारी अल्पसंख्यक समुदाय के हैं और अल्पसंख्यक समुदाय के नेता और समर्थक कांग्रेस पार्टी के नाड़ा पायजामा छाप नेताओं के कारण ये सिलसिला 2017 के बाद खुलेआम चला रहे है।

इसी प्रकार का दबाव और डालकर अब पटाखा विक्रेताओं पर किसी भी प्रकार का क़ानून का डर नहीं रहा उन्हें मालूम है कि ये एक दो डब्बा पटाखे का डब्बा या थेला का वितरण कर देंगे और कोई भी क़ानून हमको अंदर नहीं कर सकता इसी के चलते पटाखा विक्रेता दो नम्बर से अपना पूरा कारोबार चलाते हैं और नाड़ा पायजामा छाप नेताओं को पाल कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं ।

जनता की जान माल की और सरकारी गाइड लाइन की परवाह किए बिना किया जा रहा है। अग्निशमन सर्टिफिक़ेट नहीं है अग्निशमन यंत्र नहीं, सुरक्षा की अनदेखी के साथ जीएसटी क़ानून का बिलकुल डर नहीं है ।

लाइसेंस की बात तो दूर रही, संजय नगर टिकरापारा, नेहरूनगर, पुराना धमतरी रोड में बिना लाइसेंस के व्यापारियों ने पटाखा दुकान लगाकार शासन की कानून व्यवस्था को बिगाडऩे में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और सभी कही न कही किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए। दीपावली शुरू होने के पहले किसी एक नेता ने कहा था की किसी भी क़ीमत पर मुसलमानों की दुकान पर पटाखा नहीं खऱीदेंगे।

लेकिन अधिकांश मुसलमानों की दुकान पर लाइन लगाकर भीड़ लगी रही और पटाखा बिक्री बेहिसाब तरीक़े से होती रही। मुसलमानों की विरोध वाली बात शुक्र है भगवान का यह बात रायपुर सहित छत्तीसगढ़ में नहीं दिखी । अब देखना है कि देव दिवाली तक बिना लाइसेंस और बिना जीएसटी पटाए दुकानदार लोग किस हद तक जा सकते हैं और प्रशासन और जीएसटी विभाग क्या इनके ऊपर कोई शिकंजा कसेगा।