रिजर्व बैंक की ओर से शुरू हुई केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को लॉन्च हुए सालभर से ज्यादा हो चुके हैं. अभी ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं है जबकि 70 लाख लोगों ने इसका उपयोग शुरू भी कर दिया है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बताया कि सीबीडीसी का उपयोग इस समय पायलट परियोजना के तहत 70 लाख से ज्यादा भारतीय कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक इस आभासी मुद्रा को पूरी तरह से लागू करने की जल्दी में नहीं है.
शंकर ने एक सालाना कार्यक्रम ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ में कहा कि सीबीडीसी का उपयोग करने वालों की संख्या अब 70 लाख हो गई है. बावजूद इसके हमें सीबीडीसी को पूरी तरह से लागू करने की कोई जल्दी नहीं है. आरबीआई के फोकस केंद्र सीबीडीसी के उपयोग के मामलों को बढ़ा रहे हैं और ‘प्रोग्रामेबल’ सीबीडीसी के मामलों की संख्या बढ़ रही है. शंकर ने कहा कि सीबीडीसी का असली फायदा सीमा पार उपयोग में है. इसका पूरा लाभ उठाने के लिए अन्य देशों को भी अपनी सीबीडीसी परियोजनाओं पर आगे बढ़ने की जरूरत है.
डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पर चल रहा काम
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि एक डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस मंच (डीपीआईपी) पर भी काम चल रहा है, जो रियल टाइम के आधार पर लेनदेन का विश्लेषण और जोखिम स्कोर निर्धारित कर सकता है. इससे ऑनलाइन भुगतान में तेजी आएगी और सुरक्षित भी होगा. इस मंच के जरिये डिजिटल मुद्रा का उपयोग साधारण लेनदेन में भी किया जा सकेगा. इस प्लेटफॉर्म के विकसित होने के बाद आभासी मुद्रा का चलन और बढ़ सकता है.
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि एक डिजिटल भुगतान इंटेलिजेंस मंच (डीपीआईपी) पर भी काम चल रहा है, जो रियल टाइम के आधार पर लेनदेन का विश्लेषण और जोखिम स्कोर निर्धारित कर सकता है. इससे ऑनलाइन भुगतान में तेजी आएगी और सुरक्षित भी होगा. इस मंच के जरिये डिजिटल मुद्रा का उपयोग साधारण लेनदेन में भी किया जा सकेगा. इस प्लेटफॉर्म के विकसित होने के बाद आभासी मुद्रा का चलन और बढ़ सकता है.