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पहले मणिपुर, अब महाराष्ट्र… भारत में कौन सा गेम खेल रहे अमेरिका के एक्स आर्मी मैन, निशाने पर हिन्दू

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भारत में हाल के दिनों में अमेरिकी नागरिकों की संदिग्ध गतिविधियों ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. पहले मणिपुर में अमेरिका के एक पूर्व सैनिक को ड्रोन और रक्षा उपकरणों की सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं अब महाराष्ट्र के भिवंडी में एक अमेरिकी नागरिक और यूएस आर्मी के रिटायर्ड मेजर को अवैध धर्मांतरण करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
पहले मणिपुर और अब महाराष्ट्र के भिवंडी में अवैध धर्मांतरण की कोशिश से अमेरिका के पूर्व सैनिकों और मिशनरियों की भूमिका पर शक गहराता जा रहा है. क्या यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जिसमें हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है?
महाराष्ट्र में क्या कर रहा था पूर्व अमेरिकी सैनिक?
महाराष्ट्र के ठाणे स्थित भिवंडी तालुका में अवैध धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने एक अमेरिकी नागरिक जेम्स वॉटसन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. 58 वर्षीय जेम्स वॉटसन अमेरिकी सेना में मेजर रह चुका है. पुलिस के अनुसार, वॉटसन भारत में बिजनेस वीज़ा पर आया था, लेकिन वह यहां अवैध तरीके से धर्मांतरण के काम में जुट गया.

वॉटसन ने कथित रूप से ग्रामीणों से कहा कि हिंदू धर्म अंधविश्वास पर आधारित है और ईसाई धर्म अपनाने से खुशहाली और समृद्धि मिलेगी. उन्होंने दावा किया कि बीमारियां ईसा मसीह की प्रार्थना और प्रसाद के रूप में दी जाने वाली शराब पीने से दूर हो जाएंगी. हालांकि पुलिस ने उसके भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए दुर्भावनापूर्ण कृत्य), धारा 302 (जानबूझकर धार्मिक भावनाएं आहत करना), विदेशी नागरिक अधिनियम (वीज़ा नियमों के उल्लंघन) और महाराष्ट्र के 2013 के एंटी-ब्लैक मैजिक कानून के तहत मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया है.
मणिपुर में क्या हुआ था?

इससे पहले पिछले साल दिसंबर में अमेरिका के 40 वर्षीय मिशनरी और पूर्व सैनिक डैनियल स्टीफन कोर्नी को लेकर चौंकाने वाली खबरें आई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्नी ने मणिपुर में कूकी उग्रवादियों को ड्रोन और बुलेटप्रूफ जैकेट्स बांटे. यह घटना तब सामने आई जब उनके यूट्यूब चैनल ‘फूल फॉर क्राइस्ट’ पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे नक्सल प्रभावित इलाकों और हिंसा से जूझते मणिपुर में ‘युद्ध क्षेत्र’ का दौरा करते दिखे. रिपोर्ट के अनुसार, कोर्नी ने कूकी नागरिकों को राहत सामग्री के साथ-साथ ड्रोन और बुलेटप्रूफ वेस्ट भी दिए, जिनका इस्तेमाल “मेइती हिंदुओं” के खिलाफ निगरानी और संभावित हमलों के लिए किया जा सकता था.
क्या है असली मकसद?
अमेरिकी सेना में सेवा का अनुभव होने की बात भी सामने आई, जिसने इस घटना को और संदिग्ध बना दिया. मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच यह कदम भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना गया था. कहा यह गया कि ये मिशनरी गतिविधियां हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर भारत की सामाजिक सौहार्द को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं.
विश्लेषकों का मानना है कि इन घटनाओं में एक पैटर्न दिखाई दे रहा है. मणिपुर में उग्रवादियों को सैन्य सहायता और महाराष्ट्र में अवैध धर्मांतरण के प्रयास दोनों ही भारत की आंतरिक स्थिरता को चुनौती दे सकते हैं. डैनियल कोर्नी और जेम्स वाटसन जैसे व्यक्तियों का अमेरिकी सेना से जुड़ा होना संयोग नहीं माना जा रहा. कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि यह अमेरिका के धार्मिक संगठनों के विस्तार का हिस्सा हो सकता है, जो भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देशों में प्रभाव बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

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