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CG: यह धारणा बदलनी होगी कि न्याय केवल प्रभावशाली लोगों के लिए है: राज्यपाल डेका…

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छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने शनिवार को कहा कि देश में यह धारणा बदलनी होगी कि न्याय केवल प्रभावशाली लोगों के लिए है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्याय सभी के लिए समान और सुलभ होना चाहिए। डेका ने बिलासपुर जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि न्याय प्रणाली को बनाए रखने में बार और पीठ की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, “न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के समान है और न्यायपालिका को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी चाहिए।”

डेका ने कहा, “आजकल (कानूनी मामलों में) ‘मीडिया ट्रायल’ होते रहते हैं। पीठ (न्यायपालिका) को मीडिया ट्रायल (से प्रभावित होने) से दूर रहना चाहिए। बार के सदस्य होने के नाते, वकीलों का अपने मुवक्किलों के प्रति कर्तव्य है। उन्हें अपने मुवक्किलों के प्रति पूरी तरह समर्पित होना चाहिए। उनकी भूमिका (अपने मुवक्किलों) का बचाव करना है, जबकि पीठ को सच्चाई का पता लगाने का काम सौंपा गया है।”

उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि ‘मीडिया ट्रायल’ के कारण निचली अदालतें जमानत देने में हिचकिचा रही हैं, जिससे मुकदमा लड़ने वालों को उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय का रुख करना पड़ रहा है।

राज्यपाल ने कहा, “भारत में एक और धारणा है कि न्याय केवल प्रभावशाली लोगों के लिए होता है। यह धारणा बदलनी चाहिए क्योंकि न्याय सभी के लिए समान होना चाहिए।”

उन्होंने रायपुर के एक व्यक्ति का उदाहरण दिया, जिसने 100 रुपये की रिश्वत के मामले में 30 साल से ज्यादा समय तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी।

डेका ने कहा, “उस व्यक्ति ने न्याय के लिए 30 साल तक लड़ाई लड़ी। यह 100 रुपये की रकम का सवाल नहीं है, यह न्याय का सवाल है। मैं उसकी लड़ाई के लिए उसका अभिवादन करता हूं।”

उन्होंने कहा, “आजकल न्याय में बहुत देरी हो रही है। पीठ को इस पर विचार करना चाहिए। न्याय में देरी का मतलब है न्याय से वंचित होना। न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी विश्वसनीयता बरकरार रहे।”

उच्च न्यायालय की स्थापना के साक्षी रहे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजत जयंती कार्यक्रम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी और न्यायालय से जुड़े अपने संस्मरण साझा किया।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।