लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने जिले में सार्वजनिक शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आदेश के तहत, बिना पूर्व लिखित अनुमति किसी भी प्रकार के जुलूस, रैली या मार्च की अनुमति नहीं होगी।
इसके अलावा, किसी भी व्यक्ति द्वारा वाहनों पर लगे लाउडस्पीकर या अन्य किसी भी लाउडस्पीकर का उपयोग भी प्रशासनिक अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट किया है कि कोई भी ऐसा बयान नहीं देगा जो सार्वजनिक शांति भंग कर सके या कानून व्यवस्था में बाधा डाल सके। विशेष रूप से, लेह जिले में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। डीएम ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश की जानकारी प्रशासन, पुलिस और सभी संबंधित अधिकारियों को पहले ही भेज दी गई है, ताकि इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
आपको बता दें कि लेह में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान युवाओं की भीड़ ने LAHDC सचिवालय और भाजपा कार्यालय पर पथराव किया और आग लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, आंसू गैस के गोले छोड़े गए और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। यह विरोध सोनम वांगचुक के धरने और उनके समर्थन में बुजुर्गों की तबियत बिगड़ने के बाद, लद्दाख अपेक्स बॉडी के युवाओं द्वारा बुलाए गए एक दिवसीय बंद के चलते हुआ।