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“सड़कों पर पानी, रोते-बिलखते बच्चे… देहरादून में कुदरती कहर से लोग परेशान, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी”

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उत्तराखंड के देहरादून में भारी बारिश और बादल फटने की घटना के बाद तबाही जैसे हालात है. सड़कों पर पानी भर गया, कार और वाहन पानी में तैरते नजर आए. रिहायशी इलाकों में भारी मात्रा में पानी घुसने से लोगों के घर और दुकानें बह गईं.

देवभूमि इंस्टीट्यूट के पास तो ऐसा नजारा देखने को मिला, जिससे दिल पसीज जाए. देहरादून-विकासनगर मार्ग पर देवभूमि इंस्टीट्यूट पोंडा में जलभराव के बीच स्कूल के कुछ स्टूडेंट्स फंस गए और रोने लगे. इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने छात्रों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया.

देहरादून में बादल फटने के बाद, ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी सुबह से ही उफान पर है. नदी का पानी हाईवे पर भर जाने के कारण तीन लोग नदी में फंस गए थे. एसडीआरएफ की टीम ने उन्हें बचा लिया है.

इस मॉनसून में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों को तबाह कर दिया है, जिसमें उत्तरकाशी में धराली-हर्षिल, चमोली में थराली, रुद्रप्रयाग में चेनगाड, पौरी में सैंजी, बागेश्वर में कपकोट और नैनीताल जिले के कुछ हिस्से शामिल हैं.

अप्रैल से अब तक प्राकृतिक आपदा में 85 मौतें, 94 लापता… एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, इस साल अप्रैल से उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 85 लोगों की जान जा चुकी है, 128 लोग घायल हुए हैं और 94 लोग लापता हैं.

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के आपदाग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए देहरादून का दौरा किया. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1,200 करोड़ रुपये के वित्तीय राहत पैकेज का ऐलान किया. इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए हाल ही में राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाली अंतर-मंत्रालयी टीम की सिफारिशों के आधार पर आगे की सहायता पर भी विचार किया जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मॉनसून में पहाड़ी राज्य के कई जिलों में आई प्राकृतिक आपदाओं की वजह से पीड़ितों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायल हुए लोगों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की. उन्होंने राज्य में हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत व्यापक सहायता की घोषणा की.