दुनिया डिजिटल होती जा रही है. इंटरनेट क्रांति के बाद इसमें अधिक तेजी आई है. अमूमन डिजिटल दुनिया एक समुद्र की तरह है, इसमें कई भाषाओं और शब्दों का संगम है. ऐसे में डिजिटल दुनिया में हिंदी को नई उड़ान देने की तैयारी हो रही है, जिसके तहत भारत सरकार दुनिया का सबसे बड़ा हिंदी शब्दकोश तैयार करवा रही है.
तो वहीं ऐसे कई टूल्स भी तैयार किए जा रहे हैं, जो डिजिटल दुनिया में हिंद के मजबूत आधार बनेंगे.
आइए जानते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े शब्दकोश समेत अन्य हिंदी टूल्स को लेकर क्या अपडेट है. कौन इन्हें तैयार करवा रहा है?
दुनिया का सबसे बड़ा शब्दकोश बनेगा हिंदी शब्द सिंधु डिजिटल दुनिया में कोई भी भाषा सूचना और संचार तकनीक (ICT) से जुड़े बिना आगे नहीं बढ़ सकती है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार हिंदी शब्द सिंधु शब्दकोश तैयार करवा रही है. ये डिजिटल शब्दकोश होगा. इसको लेकर केंद्र सरकार ने दावा किया है कि 2029 तक ये दुनिया का सबसे बड़ा शब्दकोश होगा. इस शब्दकोश के आने से डिजिटल दुनिया में हिंदी का इस्तेमाल आसान होगा. साल 2024 में गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी शब्द सिंधु शब्दकोश की घोषणा की थी.
ये हिंदी टूल्स भी हो रहे हैं तैयार दुनिया के सबसे बड़े शब्दकोश हिंदी शब्द सिंधु के साथ ही भारत सरकार डिजिटल दुनिया में हिंदी को मजबूत आधार देने के लिए अन्य टूल्स भी तैयार करवा रही है. इसमें कंठस्थ 2.0 टूल्स भी शामिल है. ये एक अनुवाद टूल है. इनमें वॉयस टाइपिंग और स्मार्ट चैटबॉट जैसी AI सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं.
रोजगार और स्किल के नए मौके माना जा रहा है कि AI आधारित इन टूल्स से न सिर्फ सरकारी दफ्तरों में हिंदी कामकाज आसान होगा, बल्कि युवाओं के लिए भी नए रोजगार के अवसर खुलेंगे. हिंदी टाइपिंग, ट्रांसलेशन, कंटेंट क्रिएशन और टेक्निकल राइटिंग जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी. राजभाषा विभाग के मुताबिक, अब ट्रेनिंग, टाइपिंग और स्टेनोग्राफी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. यानी, जो युवा डिजिटल टूल्स और AI की मदद से हिंदी सीखेंगे या उसमें महारत हासिल करेंगे, वे आने वाले वक्त में सबसे ज्यादा डिमांड में होंगे.