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CG: बढ़ रहा छत्तीसगढ़ में निवेश, उपलब्ध होंगे रोजगार के अवसर, प्रदेश के 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार…

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CG: बढ़ रहा छत्तीसगढ़ में निवेश, उपलब्ध होंगे रोजगार के अवसर, प्रदेश के 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार…

छत्तीसगढ़ राज्य ने 1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से विभाजित होकर एक नए राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई। यह राज्य अपनी सांस्कृतिक विविधता, खनिज संसाधनों, जनजातीय विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।

वर्ष 2025 में जब छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। छत्तीसगढ़ इस वर्ष अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। छत्तीसगढ़ हमेशा से कृषि, खनन और वन आधारित जीवनशैली प्रमुख रही है। परंतु राज्य बनने के बाद से अब तक की यात्रा में सरकार ने रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी है, खासकर ग्रामीण, जनजातीय और पिछड़े वर्गों के लिए। बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार ने रोजगार बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएँ, नीतियाँ और संरचनात्मक सुधार किए हैं। इस रजत जयंती वर्ष में भी साय सरकार यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं।

राज्य बनने से पहले और ठीक बाद के वर्षों में छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर बहुत सीमित थे। ग्रामीण आबादी का बड़ा हिस्सा खेती, मजदूरी, वनों पर निर्भर जीवन और पारंपरिक कुटीर उद्योगों में संलग्न था। औद्योगिक इकाइयाँ गिने-चुने क्षेत्रों तक सीमित थीं जैसे भिलाई स्टील प्लांट और कुछ सीमेंट/पावर कंपनियाँ। शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण की सुविधाएँ न के बराबर थीं, जिससे युवाओं को बाहर के राज्यों में पलायन करना पड़ता था — खासकर मजदूरी, ड्राइवरी, निर्माण कार्य आदि के लिए। महिलाएँ घरेलू कामों तक सीमित थीं और स्वरोजगार की संस्कृति बहुत कमजोर थी। रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, पर नौकरियों की उपलब्धता बहुत कम थी। अगर हम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली सरकार की बात करें तो सरकारी प्रयासों, योजनाओं और निजी निवेश के चलते रोजगार की प्रकृति और अवसरों में बदलाव आया है।

बढ़ रहा छत्तीसगढ़ में निवेश, उपलब्ध होंगे रोजगार के अवसर

छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई परियोजनाओं में 1,63,749 करोड़ रूपए का निवेश आया है, जो देश के कुल निवेश का 3।71 प्रतिशत है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को, देश के टॉप टेन निवेश वाले राज्यों में शामिल करती है। इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 का महत्वपूर्ण योगदान है। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में हुए निवेश को मिलाकर राज्य में अब तक 4।4 लाख करोड़ रूपए का औद्योगिक निवेश हुआ है। नई औद्योगिक नीति 2024-30 ने छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए एक आकर्षक राज्य बना दिया है। नीति में 1000 से अधिक रोजगार देने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक पॉलिसी और प्रति व्यक्ति 15,000 तक प्रशिक्षण अनुदान जैसे प्रावधान भी शामिल हैं, जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करना है।

प्रदेश के 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार

छत्तीसगढ़ में रोज़गार सृजन में खनन की महत्वपूर्ण भूमिका है, यह लगभग 2,00,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्रदान करता है और संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से लगभग 20 लाख रोज़गारों को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देता है। यह इस्पात, बिजली, सीमेंट और एल्युमीनियम जैसे प्रमुख क्षेत्रों को ऊर्जा प्रदान करता है, जो राज्य के कोयला, लौह अयस्क और बॉक्साइट के समृद्ध भंडारों पर निर्भर हैं। ये उद्योग, बदले में, विनिर्माण, रसद और बुनियादी ढाँचे में पर्याप्त रोज़गार के अवसर पैदा करते हैं।

छत्तीसगढ़ में होगी 33 हजार शिक्षकों की भर्ती

छत्तीसगढ़ में शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए साय सरकार ने पहल करते हुए प्रदेश में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती करेगी। चरणबद्ध तरीके से होने वाली इस भर्ती में पहले चरण में 5 हजार पद भरे जाएंगे। सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। इसका उद्देश्य यह है कि जहां जरूरत है वहां शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। साय सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समय-समय पर भर्तियां निकाल रही है। नगर सैनिक, पुलिस विभाग, ग्रामीण विस्तार अधिकारी, नर्सों सहित अन्य रिक्त पदों पर भर्तियां निकाली। आने वाले समय में इस तरह की भर्ती की योजनाएं साय सरकार बनाई हुई है।

छत्तीसगढ़ में रोजगार की अपार संभावनाएं

छत्तीसगढ़, जो कभी केवल खनिज संसाधनों और जंगलों के लिए जाना जाता था, आज तेजी से रोजगार की विविध संभावनाओं की ओर अग्रसर है। राज्य की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, शैक्षिक संस्थानों में सुधार और शासन की नीतियों ने इसे रोजगार के एक उभरते हुए केंद्र के रूप में स्थापित करना शुरू कर दिया है। भिलाई, रायपुर और कोरबा जैसे शहरों में बड़े औद्योगिक संयंत्र स्थापित हैं, जहां तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह के कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक नीति के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को बढ़ावा देने से छोटे व्यवसायों में भी रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। कृषि आधारित स्टार्टअप, प्रोसेसिंग यूनिट और फूड पार्क जैसे क्षेत्रों में भी युवाओं के लिए नई संभावनाएं उभर रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे सेवा क्षेत्र भी रोजगार के नए द्वार खोल रहे हैं। खासकर रायपुर जैसे शहरों में आईटी कंपनियों की स्थापना और मेडिकल हब के रूप में उभरते स्वास्थ्य संस्थानों ने शहरी युवाओं के लिए करियर के नए विकल्प उपलब्ध कराए हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं जैसे कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन और लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार गारंटी कार्यक्रम ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी आजीविका के अवसर सृजित कर रहे हैं। इस प्रकार छत्तीसगढ़ में रोजगार की संभावनाएं न केवल परंपरागत क्षेत्रों में मौजूद हैं, बल्कि नवाचार, तकनीक और उद्यमिता के क्षेत्र में भी उज्जवल भविष्य की ओर इशारा कर रही है

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।