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CG: रायपुर में नक्सली रमेश गिरफ्तार, जो सुकमा, बीजापुर, दरभा और ओडिशा में नेटवर्क फैला रहा था, शहर में अर्बन नेटवर्क मजबूत करने की कोशिशें उजागर…

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राजधानी में नक्सल दंपती के सक्रिय रहने से स्पष्ट हो गया है कि पुलिस का इंटेलिजेंस सिस्टम फेल है। इसके चलते समय नक्सलियों की आवाजाही की जानकारी नहीं मिल पा रही है। गिरफ्तार रमेश नक्सली संगठन के महत्वपूर्ण पद पर था। उसने दक्षिण बस्तर के सुकमा, बीजापुर, दरभा आदि के अलावा ओडिशा में भी नक्सली नेटवर्क का विस्तार किया है। इसके बाद अब रायपुर में रहकर अर्बन नेटवर्क को मजबूत कर रहा था।

इसके अलावा जंगल में नक्सलियों को राशन, दवा आदि की सप्लाई भी कर रहा था। इसके लिए पति-पत्नी दोनों के पास अलग-अलग जगह से काफी रकम पहुंचती थी। उसके घर पवन का अक्सर आना-जाना होता था। रमेश के पकड़े जाने के बाद से पवन फरार है। रमेश और उसकी पत्नी के मोबाइल की तकनीकी जांच की जा रही है। इससे रायपुर में उनके मददगार और समर्थकों का पता चलेगा। आसपास के लोगों ने भी कई लोगों को रमेश से मिलने आते-जाते देखा है।

रमेश और उसकी पत्नी करीब दो माह पहले हेमंत के घर में किराएदार बनकर आए। दोनों खुद को मजदूर बताते थे और सुबह टिफिन लेकर निकल जाते थे। इसके बाद शाम को लौटते थे। किसी से ज्यादा बातचीत भी नहीं करते थे। पड़ोस में रहने वाली बुजुर्ग पूर्णिमा देवांगन ने बताया कि जब भी बात करते थे, ठेठ छत्तीसगढ़ी में बोलते थे। सुबह निकलते थे, तो शाम को आते थे।

उसके घर पवन नाम के व्यक्ति का आना-जाना होता था। पूर्णिमा के अलावा मोहल्ले के अन्य लोगों को भी दोनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। अचानक एसआईए की टीम ने दोनों को गिरतार किया और उनके नक्सली होने का खुलासा हुआ, तो हड़कंप मच गया। इस संबंध में मकान मालिक से लेकर मोहल्ले वाले तक कुछ बताने को तैयार नहीं हैं।

सूत्रों के मुताबिक रमेश को पथरी थी। इसका इलाज कराने के लिए वह रायपुर आया था। करीब 10 दिन उसने अंबेडकर अस्पताल में अपना इलाज भी कराया है। हालांकि जांच एजेंसियों ने उसकी बीमारी से इनकार किया है। आशंका जताई जा रही है कि वह मजदूर बनकर अर्बन नेटवर्क का विस्तार कर रहा था।

मजदूर वाले इलाकों को चुनते हैं: नक्सली अपना संगठन बढ़ाने के लिए मजदूर या घनी आबादी इलाकों को चुनते हैं। वहां पहचान छुपाकर रहते हैं। छोटे-मोटे काम धंधे या मजदूरी करते रहते हैं। इसके आड़ में अपने साथियों की हर तरह से मदद पहुंचाते हैं। बाहर से आने वाले नक्सलियों का इलाज कराने, उनके लिए राशन व जरूरी चीजें खरीदकर भेजने का काम करते हैं।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। इसके अलावा 10 तोले के सोने के बिस्किट, दवाइयां व अन्य सामान भी बरामद किया गया है। बताया जाता है कि दोनों के बारे में कई दिनों से सूचना मिली थी। पुलिस लगातार उनके पीछे लगी थी।