आइए जानतें हैं भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है, वोटिंग से लेकर चुनावी प्रक्रिया क्या होती है, सबकुछ।
Vice President Election in India 2025: भारत में 9 सितंबर 2025 को संसद भवन में उपराष्ट्रपति चुनाव होगा। मतदान खत्म होने के तुरंत बाद मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन हैं और विपक्षी गठबंधन INDIA के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव का आयोजन एक संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होता है, जिसकी निगरानी चुनाव आयोग करता है। राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले इसमें एक बड़ा फर्क यह है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ संसद सदस्य ही वोट डालते हैं, जबकि राज्य विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
“Vice President Election:कौन करता है भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव? वोटिंग से प्रक्रिया तक, 5 प्वाइंट में समझें”
”क्यों खामोश हैं NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन? फिलहाल हैं कहां? चुनाव के नजदीक आते ही उठे सवाल उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन होते हैं मतदाता?
”’भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मतदान करते हैं। इसमें नामित सांसद भी शामिल होते हैं। राज्य विधानसभाओं की इसमें कोई भागीदारी नहीं होती।”
”’साल 2025 में कुल 782 सांसद इस चुनाव में वोट डालेंगे। इनमें लोकसभा के 543 (वर्तमान संख्या 542) सदस्य और राज्यसभा के 245 सदस्य (वर्तमान संख्या 239) शामिल हैं। हालांकि कुछ सीटें खाली होने की वजह से वास्तविक संख्या थोड़ी कम है। हर सांसद का वोट बराबर गिना जाता है।”
”उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग की प्रक्रिया कैसे होती है? (Vice President Election Process Explained) उपराष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान (Secret Ballot) से होता है और इसमें सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम (STV) लागू होता है।
- हर सांसद बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों को अपनी पसंद की प्राथमिकता (1, 2, 3, …) के हिसाब से चिन्हित करता है।
- अगर किसी उम्मीदवार को पहले चरण में ही कुल वैध वोटों का 50% से ज्यादा मिल जाता है, तो वह विजेता घोषित हो जाता है।
- अगर कोई भी उम्मीदवार पहले चरण में बहुमत नहीं पाता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है।
- उसके वोट दूसरे उम्मीदवारों को अगली पसंद के आधार पर ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
- यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल न कर ले।
- मतगणना संसद भवन में होती है और नतीजे उसी दिन घोषित कर दिए जाते हैं।
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उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाता है? जानिए 5 स्टेप में पूरी प्रक्रिया
1. सबसे पहले बनती है निर्वाचक मंडल की लिस्ट
उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं। लोकसभा में कुल 543 सांसद होते हैं। राज्यसभा में 233 निर्वाचित और 12 नामांकित सांसद शामिल होते हैं। यानी कुल संख्या 788 सांसदों की है। लेकिन वर्तमान में इस बार कुछ सीटें खाली हैं, इसलिए वोट डालने वालों की संख्या घटकर 782 रह गई है। जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को चाहिए कम से कम 391 सांसदों का समर्थन (यानी 50%+1 वोट)।
2. चुनाव की अधिसूचना होती है जारी चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान करता है।
इस बार अधिसूचना 7 अगस्त 2025 को जारी हुई थी। अधिसूचना जारी होते ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। उम्मीदवार नामांकन की आखिरी तारीख तक (इस बार 21 अगस्त 2025 ) पर्चा भर सकते हैं। नाम वापस लेने वालों के लिए आखिरी तारीख 25 अगस्त थी।
3. नामांकन के लिए जरूरी है सांसदों का समर्थन
उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तभी मैदान में उतर सकता है जब-कम से कम 20 सांसद उसे प्रस्तावित करें। और अन्य 20 सांसद उसके नामांकन का समर्थन करें। यानी कुल मिलाकर 40 सांसदों का समर्थन नामांकन के लिए जरूरी है। उपराष्ट्रपति चुनाव में जनता वोट नहीं डालती। केवल सांसद ही मतदाता होते हैं। इसीलिए प्रचार का दायरा छोटा होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल संसद के अंदर और राजनीतिक गलियारों में ही प्रचार करते हैं।
4. कैसे होती है वोटिंग?
हर सांसद बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों को प्राथमिकता के क्रम (1, 2, 3…) में चुनता है। अगर मैदान में सिर्फ एक उम्मीदवार हो, तो चुनाव की जरूरत ही नहीं पड़ती और वह निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुना जाता है। अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार हों, तो वोटिंग अनिवार्य हो जाती है।
5. मतदान और रिजल्ट,
दोनों एक ही दिन उपराष्ट्रपति चुनाव में देरी नहीं होती। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होती है। मतदान खत्म होते ही गिनती शुरू हो जाती है और नतीजे उसी दिन घोषित कर दिए जाते हैं। इस बार 9 सितंबर 2025 को चुनाव होगा और उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि देश का नया उपराष्ट्रपति कौन होगा।



