”छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने दो कारोबारियों को हिरासत में लिया”
”उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्य में इसी तरह के एक शराब ‘घोटाले’ मामले में दोनों को पहले ही गिरफ्तार कर रांची जेल में रखा गया है।”
अधिकारियों ने बताया, ”झारखंड की अदालत से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त करने के बाद दोनों को रायपुर लाया जा रहा है। उन्हें शुक्रवार को यहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो/आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।” इस मामले में धन शोधन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच रचा गया था। उस दौरान छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था।
”ईडी ने कहा है कि कथित घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को ‘भारी नुकसान’ हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम गयी।”
ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को मामले की जांच के तहत गिरफ्तार किया था। राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पिछले साल 17 जनवरी को इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में यहां की विशेष अदालत में छह आरोपपत्र दाखिल किए हैं।