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“Vitamin C: शरीर के लिए क्यों जरूरी है विटामिन-सी? कमी के लक्षण क्या और किन रोगों से करता है बचाव”

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“Vitamin C: शरीर के लिए क्यों जरूरी है विटामिन-सी? कमी के लक्षण क्या और किन रोगों से करता है बचाव”

हेल्दी रहने के लिए हमें अपने शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने की जरूरत होती है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी विटामिन-सी होता है। अगर किसी के शरीर में इस तत्व की कमी हो जाती है तो उसे ड्राई स्किन, बालों का गिरना और बार-बार इंफेक्शन हो जाता है।

विटामिन-सी के बारे में कोरोना के दौरान काफी चर्चा हुई है। दरअसल, विटामिन-सी की गोलियों को खाने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हेल्थ एक्सपर्ट भी इस विटामिन को बहुत अहम मानते है। आइए जानते हैं इसकी कमी होने पर कौन सी बीमारी हो सकती है, क्या लक्षण दिखते हैं और क्या खाने से बढ़ सकता है।

क्यों जरूरी है विटामिन-सी? खून बढ़ाने में- विटामिन-सी की मदद से खून बढ़ाने में मदद मिलती है। दरअसल, जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो उसे पूरा करने के लिए आयरन के साथ विटामिन-सी दिया जाता है क्योंकि ये आयरन के अब्जॉर्पशन को बढ़ाता है। विटामिन-सी की मदद से हड्डियां मजबूत होती है।

ऐसी महिलाएं जो स्तनपान करवाती हैं, उन्हें भी विटामिन-सी पर्याप्त मात्रा में चाहिए होता है। विटामिन-सी से ब्रेस्ट मिल्क बढ़ता है। थायरॉइड- इस बीमारी से बचने के लिए भी शरीर में पर्याप्त विटामिन-सी की जरूरत होती है। विटामिन-सी की मदद से थायरॉइज हार्मोन्स का कार्य सही से होता है।

इम्यूनिटी- कोरोना के दौर में लोगों को सबसे ज्यादा इम्यूनिटी की समस्या हो रही थी। इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला अहम तत्व विटामिन-सी होता है। दांतों और हड्डियों की कमजोरी-  अगर किसी के शरीर में विटामिन-सी की कमी है तो उन्हें अक्सर दांतों, मसूड़ों और हड्डियों में दर्द रहेगा।

स्किन और बालों- विटामिन-सी एक ऐसा न्यूट्रिएंट होता है, जो हमारी स्किन की गुणवत्ता के साथ-साथ बालों की क्वालिटी को भी इंप्रूव करता है। ड्राई स्किन, स्किन पर नीले धब्बे हो जाना भी विटामिन सी की कमी का संकेत होते हैं।

विटामिन-सी की कमी के 5 संकेत लगातार थकान होना। होंठों और स्किन पर ड्राई और पपड़ीदार त्वचा होना। स्किन पर नीले और लाल धब्बे दिखना। बच्चों की हड्डियां कमजोर होना। घावों को जल्दी न भरना। कैसे बढ़ाएं विटामिन-सी? SAAOL हार्ट सेंटर के डॉक्टर बिमल छाजेड़ बताते हैं कि विटामिन- सी को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए हमें कुछ फलों और सब्जियों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। अमरूद, नींबू, स्ट्रॉबेरी, कीवी और संतरा खाना चाहिए। लाल-हरी शिमला मिर्च, पत्तेदार सब्जी जैसे पालक और ब्रोकली भी विटामिन-सी का सोर्स होते हैं। डेयरी प्रोडक्ट्स में दही खाना भी लाभकारी होता है।

हार्ट हेल्थ इंप्रूव करें- गुड़ पोटेशियम का सोर्स है, जो दिल की मांसपेशियों को मजबूत रखता है और लहसुन में मौजूद सल्फर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इन दोनों को साथ खाने से दिल की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

इम्यूनिटी बढ़ाएं- लहसुन एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर है, जिस वजह से ये आपको संक्रमण से बचाने में मदद करता है। गुड़ खाने से भी सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। इन दोनों में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।

एनर्जी लेवल को बढ़ाएं- गुड़ में आयरन होता है, जो बॉडी में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। जब शरीर में सही मात्रा में आयरन होता है तो ऊर्जा में कमी नहीं आती है। इन दोनों के कॉम्बिनेशन को खाने से कमजोरी और थकान दूर होती है।

डिटॉक्स- लिवर को डिटॉक्स करने के लिए भी खाली पेट लहसुन के साथ गुड़ खाना चाहिए। ये आंतों में जमा गंदगी को साफ करता है और ओवरऑल हेल्थ को बढ़ावा देता है।

क्या है इन्हें खाने का सही समय? गुड और लहसुन खाने का सबसे सही समय सुबह का है। आपको 2 से 3 लहसुन की कलियों को छीलना है और गुड़ के साथ इसे खाना है। अगर आपको शरीर में गर्मी बढ़ने की समस्या रहती है तो इसे खाने के बाद नारियल पानी या पुदीने का पानी पी सकते हैं।

कुछ सावधानियां जरूरी हैं गर्भवती महिला और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं इसे न खाएं। अगर किसी को स्किन एलर्जी होती है, तो उन्हें इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों के लिए गुड़ नुकसानदायक हो सकता है। इम्यूनिटी बढ़ाए- लौंग में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स अत्यधिक मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और आपको बीमारियों से बचाते हैं।

पाचन तंत्र को सुधारें- मानसून में पेट की समस्याएं होना भी आम समस्या है। लौंग की चाय पीने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है और आपको गैस, अपच जैसी समस्याएं नहीं होती है। सिरदर्द और तनाव कम करें- लौंग की खुशबू और उसका प्रभाव मानसिक तनाव को भी कम कर सकता है। माइग्रेन और साइनस के मरीजों के लिए लौंग की चाय काफी असरदार मानी जाती है।

कैसे बनाएं लौंग की चाय? लौंग की चाय बनाना बेहद आसान है। इसके लिए आपको 1 गिलास पानी में 2 से 3 कली लौंग की भिगोकर रखनी होती है। इस पानी को रातभर छोड़ दे, अगले दिन सुबह इस पानी को लौंग के साथ कुछ देर उबालकर पका लें। अब इसे छानकर पहले हल्का ठंडा होने दे। इसके बाद घुंट-घुंटकर पिएं।

ध्यान रहें लौंग की चाय का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अत्यधिक सेवन से पेट में जलन या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। प्रतिदिन 1 कप सबसे सही तरीका है इसे पीने का। पुरुष जल्दी डॉक्टर के पास जाकर मेडिकल टेस्ट भी नहीं करवाते हैं। महिलाओं में मोटापे की समस्या ज्यादा पाई जाती है लेकिन वे समय से अपना इलाज करवा लेती है।

कौन सी बीमारियों का रिस्क ज्यादा? हाई बीपी-इसे साइलेंट किलर माना जाता है। जी हां, पुरुषों में हाई बीपी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है लेकिन उन्हें इसे समझने में देरी होती है, जिस कारण बीमारी कई बार गंभीर और जानलेवा हो जाती है।

डायबिटीज- टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क पुरुषों में अधिक होता है, खासकर जब उनकी लाइफस्टाइल में शारीरिक गतिविधि कम हो और पेट के आसपास ज्यादा फैट जमा हो। हालांकि, डायबिटीज से मौत नहीं होती लेकिन इससे अन्य जानलेवा बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है।

HIV/ एड्स- रिसर्च में शामिल देशों के पुरुषों में एड्स भी बहुत ज्यादा कॉमन पाया गया है। इसके बढ़ने की वजह टेस्ट न करवाना या इलाज से बचना भी है। इसके अलावा, असुरक्षित संबंध बनाना इसकी वजह है।

कैसे करें सेहत की सुरक्षा? पुरुषों को साल में एकबार फुल बॉडी चेकअप करवाना चाहिए। स्मोकिंग और शराब पीने से पूरी तरह परहेज करें। बैलेंस डाइट और व्यायाम जरूर करें। ग्लोइंग स्किन के लिए भिगोई हुई काली किशमिश का पानी पीने से स्किन भी साफ होती है। ये पिंपल्स और रिंकल्स की समस्या को दूर करता है। ये स्किन में ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करता है।

एनर्जी को बढ़ाएं क्या आप भी पूरे दिन थका-थका महसूस करते हैं? अगर ऐसा है तो आपको किशमिश का पानी पीना शुरू कर देना चाहिए। इस पानी को नियमित रूप से पीने से आपका एनर्जी लेवल बढ़ेगा। ये शरीर को तुरंत एनर्जी प्रदान करता है।

कैसे और कब पिएं इसका पानी? काली किशमिश का पानी पीने का सबसे सही समय सुबह का होता है। आपको खाली पेट 1 गिलास किशमिश का पानी पीना चाहिए। इसे बनाने के लिए आपको रात के समय 1 गिलास पानी में 30-40 नग काली किशमिश के डालकर भिगोना है। इसके बाद सुबह इस पानी को पीने के साथ किशमिश को भी खा लें। ध्यान रहे रोजाना 1 गिलास से अधिक पानी न पिएं।

1.मुक्तावटी, बीपी कंट्रोल करें मुक्तावटी हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली एक हर्बल मेडिसिन है। इसमें अर्जुन, ब्राह्मी, शंखपुष्पी जैसे तत्व होते हैं जो मानसिक तनाव को कम करते हैं। इस दवा के साथ लौकी का जूस रोजाना पीना चाहिए।

2.मधुग्रिट, डायबिटीज के लिए वरदान “2”पतंजलि की यह दवा टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए उपयोगी है। इसमें करेला, जामुन, गुडमार, गिलोय जैसे तत्व होते हैं जो ब्लड शुगर को कम करते हैं। इसके साथ खीरा, करेला, टमाटर का जूस भी पिएं।\

3.लिवोग्रिट, लिवर को रखें स्वस्थ< “3” लिवोग्रिट उन लोगों के लिए कारगर दवा है जिनका लिवर कमजोर होता है या फैटी लिवर की समस्या होती है। इसमें पुनर्नवा, भुई आंवला, और मकोय जैसे तत्व होते हैं जो लिवर को डिटॉक्स करते हैं और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाते हैं।

4.रनोग्रिट, किडनी की दवा “4”> यह दवा किडनी की समस्याओं जैसे सूजन, क्रिएटिनिन लेवल का बढ़ना या पेशाब में जलन की समस्याओं को कम करता है। इसके साख-साथ लौकी के जूस और हरे धनिये का सेवन भी किडनी के लिए फायदेमंद है।

5.आईग्रिट, आंखों के लिए असरदार “5” आईग्रिट आंखों की रोशनी बढ़ाने वाली पतंजलि की दवा है। इससे आंखों की ड्रायनेस और अन्य आई डिजीज को दूर करने में मदद मिलती है। इन आयुर्वेदिक औषधियों को योग, प्राणायाम और संतुलित आहार के साथ लेने पर इनके परिणाम और भी बेहतर देखने को मिलते हैं।