“अलास्का में टकराए पर भारत के लिए धड़का दिल, ‘अजीज दोस्त’ से फिर मिलेंगे पीएम मोदी! अमेरिका के इस रवैये की क्यों की निंदा?”
PM Modi and Putin: अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैक्स लगाया, जिसके बाद दुनिया भर के कई नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की. इस लिस्ट में रूस भी शामिल है. रूस और भारत की दोस्ती से खफा होकर डोनाल्ड ट्रंप ने ये फैसला लिया था.
हालांकि अलास्का में ट्रंप ने पुतिन से मुलाकात भी की थी. अब एक रूसी दूतावास ने बताया है कि इस साल के आखिरी में पीएम मोदी और पुतिन मुलाकात कर सकते हैं पर अभी तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है. इसके पीछे की क्या वजह है इसे भी दूतावास ने बताई है.
जानिए उन्होंने क्या कुछ कहा? अमेरिका की की कड़ी निंदा रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस से किए जाने वाले कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाए जाने की दूतावास ने कड़ी निंदा की और इसे ‘दोहरा मापदंड’ बताया. साथ ही कहा कि अगर भारतीय सामान अमेरिकी मार्केट में नहीं जा सकता है तो उसके लिए रूस के दरवाजे पूरी तरह से खुले हैं. साथ ही कहा कि उसका कच्चा तेल भारत के लिए 5% सस्ता है और इससे भारत को काफी ज्यादा मुनाफा भी होगा क्योंकि भारत रूस के लिए ‘बहुत मायने रखता है’. रूसी दूतावास का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है और भारत ने अपने डेयरी और कृषि क्षेत्रों को अमेरिका के लिए खोलने से इनकार कर दिया है. बता दें कि अमेरिका रूस से भारत के तेल व्यापार को रूस-यूक्रेन युद्ध का अप्रत्यक्ष समर्थन मानता है.
और मजबूत होंगे संबंध इसके अलावा रूसी दूतावास ने भारत के साथ बेहतर भुगतान तंत्र विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया जिससे व्यापार संचालन को सुगम बनाया जा सके. यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी मज़बूत आर्थिक साझेदारी को बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार में आ रही बाधा को भी दूर किया जाएगा ताकि दोनों देशों के बीच सही तरीके से लेन-देन हो सके. पुतिन और मोदी के बीच आगामी बैठक से दोनों देशों के बीच संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद है.
रूस के साथ भारत की खरीद रूस भारत के मित्र देशों की श्रेणी में आता है.सरकार के स्वामित्व वाली रिफाइनर कंपनियों इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम ने छूट मिलने के बाद एक बार फिर से सितंबर और अक्टूबर में रूसी तेल की खरीद शुरू कर दी है. छूट बढ़कर 3 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. बता दें कि इससे पहले जुलाई में छूट कम होने पर खरीदारी रोक दी थी. इस छूट के बाद रूस से तेल का आयात तेजी से बढ़ा है. इसके अलावा चीनी खरीद में भी काफी ज्यादा तेजी आई है. बता दें कि भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और रूसी तेल का फायदा उठा रहा है.