Janjgir Champa: जिला मुख्यालय में साइलेंट अटैक से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मौत का लाइव वीडियो सामने आया है। वीडियो में युवक एक होटल में जाकर टेबल पर बैठा दिख रहा है। इसके बाद वह अचानक गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है। डॉक्टरों की मानें तो उसको सुबह से सीने में दर्द हो रहा था। गैस समझकर वह दवा खा रहा था। इसलिए सतर्क रहें, हर चेस्ट पैन जरूरी नहीं गैस का हो। डॉक्टरों से जरूरी सलाह जरूर लें। वर्तमान में लगातार अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में सावधानी बहुत जरूरी है।
दरअसल यह पूरा मामला जिला मुख्यालय के स्टेशन रोड के एक होटल का बताया जा रहा है। जहां ४८ वर्षीय शांति नगर निवासी शिवनारायण पिता स्व. ननकू राम गढ़ेवाल को रविवार को घबराहट महसूस हुई। साथ ही उसके सीने में दर्द हुआ। वह गैस का दर्द समझकर बिना डॉक्टरी परामर्श दवा खा रहा था। इसी दौरान दोपहर करीब 12 बजे वह स्टेशन रोड एक होटल पहुंचा। जहां टेबल पर जाकर बैठ गया, तभी अचानक उसे साइलेंट अटैक आया और वह जमीन पर गिर गया। लोगों ने उसे गिरते हुए देखा तो दौड़कर उसके पास पहुंचे, तभी उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने चेकअप किया तो वह मृत पाया गया।
जिला अस्पताल डॉक्टर लोकेन्द्र कश्यप ने बताया कि चेस्ट पैन की शिकायत सुबह से था, गैस का समझकर दवा या किसी डॉक्टरी से परामर्श नहीं ले रहा था। शिवनारायण को ब्लड प्रेशर व शुगर भी था। घर में एकमात्र वहीं कमाने वाला था। साथ ही दो बच्चे के सिर से पिता का साया उठ गया। परिजनों का रो-रोककर बुरा हाल हो रहा है। डॉक्टरों की मानें हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सावधानी बहुत जरूरी है। साथ ही इससे बचने के लिए सुबह के समय अपने शरीर को कम से कम आधा घंटा जरूर देना चाहिए।
जिला अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर लोकेन्द्र कश्यप के अनुसार मरीज हार्ड सरफेस (सख्त जमीन) पर होना चाहिए, मरीज की बॉडी आपके घुटनों के पास होनी चाहिए, सीपीआर देने वाले व्यक्ति के दोनों कंधे मरीज की चेस्ट के ऊपर होने चाहिए, पेशेंट के दोनों चेस्ट निपल्स के बीच हथेली को रखते हुए बॉडी वेट से कम्प्रेस करना (दबाना) चाहिए। एक मिनट में 100 से 120 बार कम्प्रेशन करना चाहिए, 30 बार चेस्ट दबाने के बाद दो बार मुंह से सांस देनी चाहिए। मुंह से नहीं देना चाहे तो चेस्ट दबाना जारी रखे। इससे चेस्ट को वापस रिकॉल करने का मौका मिलता है।