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छत्तीसगढ़ : हॉफ बिजली बिल योजना में संशोधन, कमजोर वर्ग को पहले की तरह मिलता रहेगा लाभ…

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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हॉफ बिजली बिल योजना के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा में संशोधन किया गया है. अब हर महीने दी जाने वाली 400 यूनिट की छूट के स्थान पर 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 फीसदी रियायत दी जाएगी. सरकार ने कहा है कि राज्य के 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 31 लाख परिवार (करीब 70%) ऐसे हैं जिनकी खपत 100 यूनिट प्रतिमाह से अधिक नहीं है.

छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि ऐसे में हॉफ बिजली बिल की छूट सीमा के इस पुनरीक्षण के बावजूद इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ता परिवारों को योजना का लाभ पहले की ही तरह मिलता रहेगा. प्रदेश के करीब 70 फीसदी घरेलू उपभोक्ता परिवार हॉफ बिजली योजना से पूर्ववत् लाभान्वित होते रहेंगे. गरीब परिवारों को बिजली में राहत के लिए प्रतिबद्ध आपको बता दें कि इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत् हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलता रहेगा. इन परिवारों को 30 यूनिट तक की मुफ्त बिजली योजना के तहत पहले की तरह प्राप्त होती रहेगी. साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के अन्य सभी लाभों से भी यथावत् लाभान्वित रहेंगे. राज्य सरकार गरीब परिवारों को बिजली खर्च में राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को गति दे रही है, जिसके तहत 3 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना पर केंद्र सरकार से ₹78,000/- तथा राज्य सरकार से ₹30,000/- की कुल ₹1,08,000/- तक की सब्सिडी दी जा रही है. 2 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 75% (₹90,000/-) का अनुदान उपलब्ध है, जिससे उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन कर सकते हैं. यह उत्पादन वर्तमान में हॉफ बिजली बिल योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट की छूट) से भी अधिक है. उपभोक्ता अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे यूनिट तक औसत खपत करने वाले उपभोक्ताओं का बिजली बिल आमतौर पर ₹1000/- से अधिक होता है, जो सोलर प्लांट की स्थापना के बाद करीब शून्य हो जाएगा. इस प्रकार के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल योजना से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर अग्रसर होंगे और दीर्घकालिक बचत प्राप्त करेंगे. उपभोक्ता स्वयं की छत पर उत्पादित बिजली के अतिरिक्त शेष बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने वाले उपभोक्ता अपनी छत पर उत्पादित बिजली का उपयोग करने के साथ-साथ शेष बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकेंगे. प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत 25 फीसदी शेष लागत उपभोक्ता स्वयं वहन कर सकते हैं, या फिर बैंक से न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं. इस ऋण की मासिक किस्त लगभग ₹800/- होगी, जो कि वर्तमान में 400 यूनिट पर देय औसत बिजली बिल ₹1000/- से भी कम है. राज्य सरकार का यह निर्णय गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं को राहत देने, तथा उन्हें ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करने का एक सशक्त और दूरदर्शी प्रयास है. यह योजना राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आत्मनिर्भरता और आर्थिक बचत के पथ पर अग्रसर करेगी.