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हिमाचल में भारी बारिश से टूटे पहाड़, 36 घंटे में 5 लोगों की मौत, लैंडस्लाइड से 3 नेशनल हाईवे समेत 398 बंद, 3 उपमंडलों में स्कूल बंद किए

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हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से भारी बारिश का दौर शुरू हुआ है. बीते 36 घंटों में प्रदेश में बारिश और लैंडस्लाइड में छह लोगों की मौत हुई है, जबकि जगह-जगह तीन नेशनल हाईवे सहित 398 सड़कें बंद हो गई हैं. वहीं, 682 बिजली ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजनाएं हैं. इससे पहले, सोमवार को भारी बारिश के चलते शिलाई, कोटखाई और थुनाग में स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद करने पड़े थे. उधऱ, मंगलवार के लिए 4 जिलों में ऑरेंज और 8 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बताया कि ऊना, हमीरपुर, सोलन और बिलासपुर में ऑरेंज रहेगा.

मंगलवार को भी प्रदेश में मौसम खराब बना हुआ है. सोमवार रात को प्रदेशभर में रुक रुक कर बारिश होती रही. वहीं, कई जिलों में बत्ती गुल हो गई. मौसम विभाग ने बीते कल सोमवार को पांच जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया था. वहीं, अब मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट रहेगा.
मंडी ज़िले में बारिश का येलो अलर्ट, तीन उपमंडलों में बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज
मंडी ज़िले में लगातार हो रही बारिश के बीच मंगलवार को भी मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. बारिश की स्थिति को देखते हुए उपमंडल थुनाग, करसोग और निहरी तहसील के तहत आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहेंगे. बताया जा रहा है कि रविवार रात से पूरे ज़िले में रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है, जिससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं. चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) पर दवाड़ा के पास भूस्खलन के चलते मार्ग कल से पूरी तरह बंद है. मार्ग को बहाल करने में अभी और समय लग सकता है. इस मार्ग पर सैकड़ों वाहन और यात्री फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने और मार्ग खोलने के लिए प्रशासन और एनएचएआई की टीमें प्रयास कर रही हैं.

मंगलवार को कुल्लू जिले को जोड़ने वाले वेक्लपिक मार्ग कांडी -कटौला सड़क राहला-रोपा के पास 2-3 वाहनों के खराब होने से अवरुद्ध हो गई है और यह स्थान बजौरा से मंडी की ओर करीब 8–10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस कारण दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है और मार्ग पर जाम की स्थिति बनी हुई है. प्रशासन से मार्ग को जल्द खुलवाने की मांग की जा रही है.

अलग अलग जगह 5 लोगों की मौत

रविवार शाम से लेकर मंगलवार सुबह तक प्रदेश में लैंडस्लाइड और डूबने की वजह से कुल छह लोगों की मौत हुई है. इसमें दो बच्चियां भी शामिल हैं. सबसे पहला मामला लाहौल स्पीति में रविवार शाम को पेश आया था, जिसमें नेपाली मूल की दो बेटियां दालंग मोड़ के समीप टैंट में रहती थी और पास में बने पानी के टैंक में नहाने उतरी. इस दौरान दोनों डूब गईं. इसी तरह चंबा के मैहला विकास खंड की पंचायत चड़ी के गांव सूताह में सोमवार सुबह चार बजे लैंडस्लाइड आया और कमरे में सोए हुए दंपति की मौत हो गई. राहुल और पल्लवी नाम के दंपति की चार पांच महीने पहले ही शादी हुई थी और महिला अपने पति के साथ मायके आई थी.

सुंदरनगर में युवक बह गया
उधर, सुंदरनगर में बुआ के घर से लौट रहा युवक हादसे का शिकार हो गया और ग्राम पंचायत कांगू के गांव देहवी में खड्ड पार करते समय 20 वर्षीय युवक की पानी के तेज बहाव में बहने से मौत हो गई है. रोहित कुमार (20) पुत्र मंगत राम निवासी गांव जंदरेहडू डाकघर बायला सोमवार सुबह देहवी के निकट जड़ोल खड्ड को पार कर रहा था. इसके अलावा, सोमवार को शिमला के रामपुर में लुहरी-सुन्नी मार्ग पर एक पिकअप वाहन पर अचानक भारी-भरकम चट्टानें गिर गईं, जिससे वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार दो लोग घायल हो गए. लुहरी के पास सड़क से ऊपर पहाड़ी से अचानक बड़े-बड़े बोल्डर टूटकर नीचे आ गिरे और पिकअप को चपेट में ले लिया. हादसा इतना भयानक था कि वाहन के परखच्चे उड़ गए.
श्रीखंड और किन्नर कैलाश यात्रा रोकी

भारी बारिश के चलते कुल्लू की श्रीखंड महादेव और किन्नौर की किन्नर कैलाश यात्रा को सोमवार को एक दिन के लिए रोका गया था. डीसी कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा को सोमवार के लिए रोका गया था. सभी श्रद्धालुओं को बेस कैंप में ही रुकने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि निरमंड उपमंडल की ऊँची पहाड़ियों में लगातार तेज बारिश हो रही है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है. अब तक करीब 6900 श्रद्धालु इस धार्मिक यात्रा में भाग ले चुके हैं.

किन्नर कैलाश यात्रा भी एक दिन के लिए स्थगित
किन्नौर के कल्पा के एसडीएम कल्पा ने बताया कि सोमवार को करीब 300 श्रद्धालुओं को मेलिंग खट्टा में रोका गया, जबकि 40 श्रद्धालुओं का एक दल सुबह दर्शन के लिए आगे गया था, उन्हें भी गुफा से वापस लाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पागल नाले में आई बाढ़ के कारण राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 (NH-5) करीब तीन घंटे तक अवरुद्ध रहाय सांगला के टोगटोचे नाला और गंगारंग नाले में भी पानी का बहाव तेज़ हुआ, हालांकि इन स्थानों पर किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है. रूनंग नाले में भी बाढ़ आने से एनएच-5 पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है.
ऊपर से गुजरती ट्रेन और नीचे लैंडस्लाइड
सोमवार को कांगड़ा के नूरपु में चक्की दरिया में पानी का बहाव इतना तेज़ हो गया कि हिमाचल प्रदेश और पंजाब को जोड़ने वाले पुल को नुकसान पहुंचा है. यहां पर पानी के तेज बहाव से चक्की दरिया पर बना पुल नीचे से धंसने लगा है, जिससे उस पर से गुजरना खतरनाक हो गया है. इसके साथ ही रेलवे पुल को भी नुकसान पहुंचा है. बताया जा रहा है कि जब पुल के नीचे का हिस्सा धंस रहा था, उसी समय एक ट्रेन भी पुल से गुजर रही थी, जिससे बड़ा हादसा बच गया. इसी बारिश के कारण हिमाचल की इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के तीन गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया और आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी यही मार्ग बारिश के चलते बह गया था, जिसके बाद सेना की मदद से वैकल्पिक रास्ता तैयार किया गया था. इस संबंध में इंदौरा के एसडीएम सुरेन्द्र ठाकुर ने फोन पर बताया कि, “हम लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर जा रहे हैं. सेना और पठानकोट प्रशासन से संपर्क करके जल्द से जल्द रास्ता बहाल करने की कोशिश की जाएगी.”
बस मलबे में फंसी, बाल बाल बचे लोग

सिरमौर जिले के रेणुका विधानसभा क्षेत्र के संगडाह क्षेत्र में एक निजी बस बाल-बाल दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई, संगड़ाह चाढना रुट पर जा रही बस कड़ियाना गाँव के समीप बरसारी नाले में आए भारी मलबे के बीच धंस गई. बस में कुल 15 लोग सवार थे. गनीमत रही कि बस मलबे के साथ नीचे नहीं बही. उधर, मंडी जिले के सराज में भी बारिश के चलते नाले ऊफान में आने से यहां पर लोग सहम गए. 1 जुलाई की आपदा के बाद से यहां पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है और अब तक 15 लोगों की लाशें मिली हैं, जबकि 27 लापता हैं.

हिमाचल में मॉनसून का कहर, अब तक 1246 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में इस बार का मॉनसून तबाही लेकर आया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से अब तक प्रदेश को 1246 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. अब तक प्रदेश में 1162 घर क्षतिग्रस्त, 1005 पशुशालाएं और 276 दुकानें पूरी तरह से जमींदोज हो चुकी हैं. बारिश और बाढ़ की वजह से 1296 मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि 21,500 पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं. सड़कों और बिजली-पानी की सुविधाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. प्रदेश में 3 राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और 398 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हैं. इसके अलावा, 682 ट्रांसफार्मर और 151 जलापूर्ति परियोजनाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं. प्रशासन की ओर से लगातार राहत और बहाली कार्य जारी है, लेकिन मौसम की मार के चलते दिक्कतें लगातार बनी हुई हैं. लोगों से अपील की गई है कि वह नदियों-नालों से दूर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें.

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