Home छत्तीसगढ़ ‘समाज के हर वर्ग की भागीदारी से ही बनेगा विकसित छत्तीसगढ़’मुख्यमंत्री

‘समाज के हर वर्ग की भागीदारी से ही बनेगा विकसित छत्तीसगढ़’मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि “हम विकसित भारत–विकसित छत्तीसगढ़” के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर कार्यरत हैं, और इसमें समाज के प्रत्येक वर्ग की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।भिलाई स्थित रूंगटा यूनिवर्सिटी में आयोजित विश्व युवा कौशल उत्सव 2025 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।साय ने कहा कि यह आयोजन इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज किया जाएगा। गोल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने 8183 प्रतिभागियों को एक सप्ताह के भीतर दिए गए प्रशिक्षण को प्रमाणित किया है और संस्थान को इसका प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। उन्होंने रूंगटा यूनिवर्सिटी प्रबंधन को इस नि:शुल्क और अभूतपूर्व आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर एवं दक्ष बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।

छत्तीसगढ़ ने विगत 25 वर्षों में प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और इस वर्ष को हम राज्य की रजत जयंती के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में उच्च शिक्षा संस्थानों का विस्तार हुआ और वर्तमान में राज्य में 15 मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी, सिपेट, एम्स, और लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थान कार्यरत हैं।

उन्होंने बताया कि शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में राज्य सरकार ने समान रूप से उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। बीते डेढ़ वर्षों में सुशासन की स्थापना के लिए ठोस प्रयास हुए हैं। शासन को पारदर्शी बनाने हेतु अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिससे भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है और राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में राज्य सरकार ने समान रूप से उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। बीते डेढ़ वर्षों में सुशासन की स्थापना के लिए ठोस प्रयास हुए हैं। शासन को पारदर्शी बनाने हेतु अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिससे भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है और राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से समृद्ध प्रदेश है और इसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की थी। जब यह मिशन प्रारंभ हुआ था, भारत विश्व की 10वीं अर्थव्यवस्था था — और आज, केवल एक दशक में भारत चौथे स्थान पर पहुँच चुका है।