भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को केरल के नौ जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया, जिसमें बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. ऑरेंज अलर्ट के तहत जिलों में एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड शामिल हैं. इसके अलावा, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा और कोट्टायम जिले में येलो अलर्ट जारी किया गया है. आईएमडी की चेतावनी के मद्देनजर, कासरगोड जिला प्रशासन ने रविवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए छुट्टी घोषित की. यह छुट्टी स्कूलों, कॉलेजों, प्रोफेशनल कॉलेजों, केंद्रीय विद्यालयों, ट्यूशन सेंटरों, धार्मिक अध्ययन केंद्रों और विशेष कक्षाओं पर लागू होगी.
हालांकि, अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि रविवार को पहले से निर्धारित परीक्षाएं यथासंभव आयोजित की जाएंगी. भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में 24 जुलाई तक देश भर में मानसून की गतिविधि तेज होने की संभावना है. इसके परिणामस्वरूप, केरल में अगले पांच दिनों तक, विशेष रूप से 21 जुलाई तक कुछ इलाकों में बहुत भारी बारिश होने की आशंका है. मौसम विभाग के अनुसार, भारी बारिश के साथ-साथ 22 जुलाई तक राज्य के कुछ हिस्सों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है.
200mm बारिश का अनुमान
आईएमडी के अनुसार, ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि 24 घंटे में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बहुत भारी बारिश हो सकती है. वहीं, येलो अलर्ट का मतलब है कि उसी समय में 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक भारी बारिश होने की संभावना है. अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों, तालाबों या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है. मछुआरों को भी समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि मौसम खराब हो सकता है. मानसून के और तेज होने की संभावना के कारण, आपदा प्रबंधन टीमें और स्थानीय प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट पर रखा गया है. राज्य सरकार ने लोगों से मौसम की जानकारी का पालन करने और अपनी सुरक्षा के लिए आधिकारिक दिशानिर्देशों का अनुपालन करने की अपील की है.
मेट्टूर डैम तीसरी बार लबालब
तमिलनाडु के प्रमुख जलाशयों में से एक मेट्टूर डैम रविवार को तीसरी बार इस वर्ष अपनी पूरी जल क्षमता 120 फीट तक पहुंच गया है. यह स्थिति पश्चिमी घाट और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण हुई तेज जल प्रवाह के चलते बनी है. जल संसाधन विभाग ने डैम से छोड़े जाने वाले जल की मात्रा को 22,500 क्यूसेक से बढ़ाकर 31,000 क्यूसेक कर दिया है, ताकि जल स्तर को नियंत्रित किया जा सके और बांध की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. बाढ़ से कावेरी डेल्टा जिलों के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि वे सिंचाई के लिए मुख्य रूप से कावेरी नदी पर निर्भर रहते हैं. भरपूर वर्षा के चलते खेतों में खरीफ सीजन की गतिविधियों को गति मिलने की उम्मीद है, जिससे खेती को काफी बढ़ावा मिलेगा.
बाढ़ की चेतावनी
प्रशासन ने कावेरी नदी के किनारे स्थित नीचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है. लोगों से सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है. राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय कर किसी भी संभावित निकासी या राहत कार्य के लिए तैयार हैं. इस बीच, पर्यटकों और आम जनता को डैम और नदी किनारे के इलाकों में प्रवेश से रोक दिया गया है ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके. मेट्टूर डैम, जिसे स्टैनली जलाशय के नाम से भी जाना जाता है, कावेरी नदी प्रणाली के प्रबंधन और तमिलनाडु के कई जिलों में सिंचाई व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है.