मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सरकारी दावों की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश में ‘विकास’ का कितना खस्ताहाल हाल है? बता दें, यहां सड़क न होने के चलते एक गर्भवती महिला को खाट पर लेटा कर कई किलोमीटर तक परिजनों को पैदल ले जाना पड़ा. यह घटना शुक्रवार की है. इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक, सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक के धानी ग्राम पंचायत क्षेत्र की गर्भवती महिला गुल्लू कोल को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजनों ने खाट पर रखकर कीचड़ से भरे उबड़-खाबड़ पगडंडियों से किसी तरह अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां गर्भवती ने नवजात बच्चे को जन्म दिया.
यहां खटिया ही एंबुलेंस है
दरअसल, धानी ग्राम पंचायत क्षेत्र पहाड़ और जंगल से घिरा हुआ है, जहां ज्यादातर आदिवासी इलाके हैं. यह इलाका इतना पिछड़ा है कि यहां सड़क तक नहीं है. पगडंडियों के सहारे लोगों का आना-जाना होता है. ऐसे में इस गांव के लोगों को एंबुलेंस सेवा मिलना, तो सपने जैसा है. यहां के लोगों के खटिया ही एंबुलेंस है. उसी की मदद से गांव के लोग किसी के गंभीर रूप से बीमार होने पर या गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
लोगों ने नेताओं पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप
ऐसे में किसी के बीमार पड़ने या किसी प्रसूता की डिलीवरी के लिए खटिये से बनी डोली में लिटा कर पहाड़ों के रास्ते अस्पताल पहुंचाया जाता है. बता दें कि आजादी के दशकों बाद भी इस गांव में आज तक सड़क नहीं बनी है. गांव के लोग जनप्रतिनिधियों पर चुनाव के समय कई वादे करके वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हैं.
दरअसल, यहां के लोगों से हर चुनावी साल में सड़क के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के दावे किए जाते हैं. लेकिन आज तक इस इलाके के लोगों को न तो सड़क नसीब हुआ, नहीं अन्य बुनियादी सुविधाएं. इस दौरान गांव की गुल्लू कोल प्रसव पीड़ा से जब बेचैन हो उठी, तो उसे खाट की बनी डोली में लिटा कर पहाड़ों और जंगलों के रास्ते होते हुए उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया.