संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है. इसको लेकर राजनीतिक गहमा-गहमी बढ़ गई है. इस बाबत विपक्षी INDIA गठबंधन के घटक दलों की आज 19 जुलाई 2025 को शाम 7 बजे अहम बैठक होने वाली है. बताया जा रहा है कि यह बैठक वर्चुअल होगी. इसमें सरकार को एकजुट होकर घेरने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, SIR समेत कई मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है. दूसरी तरफ, सत्ता पक्ष ने भी अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है. विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए खास रणनीति बनाई जा रही है. इसको लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हाईलेवल मीटिंग हुई. बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, NSA अजित डोभाल, CDS के साथ ही आर्मी और नेवी चीफ भी मौजूद रहे. संसद सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष को माकूल जवाब देने की तैयारियों पर चर्चा हुई.
बता दें कि इस बार संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. इस मानसून सत्र में सरकार आठ नए विधेयक पेश कर सकती है. इनमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन से जुड़ा विधेयक भी शामिल है. सरकार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने पर विचार कर रही है. मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. राष्ट्रपति शासन के लिए सरकार को हर छह महीने में संसद की मंजूरी लेनी होती है. फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन की समयसीमा 13 अगस्त तक है.
राज ठाकरे का निशिकांत दुबे को जवाब
महाराष्ट्र में ‘मराठी बनाम हिंदी’ विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटक कर मारेंगे’ वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी. राज ठाकरे ने कहा कि एक भाजपा सांसद ने कहा था कि हम मराठी लोगों को यहां पर पटक-पटक कर मारेंगे. मैं दुबे को बोलता हूं, तुम मुंबई में आ जाओ, मुंबई के समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसी ने यहां मराठी का अपमान किया तो उसके गाल और हमारे हाथ की ‘युति’ जरूर होकर रहेगी.
‘पीटा गया…सही हुआ’
राज ठाकरे ने आगे कहा कि मुंबई के मीरा रोड में जो कुछ हुआ, जिसे पीटा गया, वो सही हुआ. उसे महाराष्ट्र स्टाइल में जवाब दिया गया. महाराष्ट्र में रह रहे हो तो शांति से रहो, मराठी सीखो. हमारा तुमसे कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन अगर मस्ती करोगे तो महाराष्ट्र स्टाइल में समझा देंगे. राज ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा और कहा कि अब जाकर सरकार को समझ आया है. पहली से पांचवीं तक हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश करके तो दिखाओ. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हिंदी के लिए झगड़ रहे हैं. सारे स्कूल में मराठी अनिवार्य करनी चाहिए, लेकिन ये लोग सब छोड़कर हिंदी को अनिवार्य कर रहे हैं.