भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव, घुसपैठ और आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में अब भारतीय सेना के पास एक ऐसा ‘हथियार’ आ गया है जो न सिर्फ देखे बिना दुश्मन को मार सकता है बल्कि उसके मन में लगातार डर बनाए रखेगा. अमेरिका से मिले AH-64E अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर अब सीधे भारतीय थल सेना के हवाले हैं. ये तैनात किए गए हैं ठीक पाकिस्तान की सीमा के पास जोधपुर में. इसका मतलब साफ है कि जब दुश्मन सीमा पर चुपचाप साजिश रच रहा हो तब जवाब भी ऐसा होना चाहिए जो हवा में ही उसकी सांसें रोक दे.
ये कोई साधारण हेलिकॉप्टर नहीं बल्कि ‘उड़ते हुए शिकारी’ हैं जो रात, धूल, कोहरा या दुश्मन के किले किसी से नहीं रुकते. पहली बार थलसेना खुद इन्हें ऑपरेट करेगी. यानी अब सेना के पास जमीनी ऑपरेशन में रुकावट डालने वाले हर दुश्मन को आसमान से पल में तबाह करने की ताकत है. पाकिस्तान के खिलाफ भारत की रणनीति अब सिर्फ सीमा की रक्षा नहीं बल्कि हमले से पहले ही हमलावर को खत्म करने की हो गई है. और अपाचे इसका सबसे सटीक औजार साबित हो सकता है.
क्या है अपाचे हेलिकॉप्टर, क्यों हैं ये इतना खतरनाक?
AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे एडवांस अटैक हेलिकॉप्टर्स में गिना जाता है. अमेरिका की डिफेंस कंपनी Boeing द्वारा बनाए गए इस ‘शिकारी’ हेलिकॉप्टर को अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, मिस्र और अब भारत जैसे देशों की सेनाएं इस्तेमाल कर रही हैं. इसमें 30mm की चेन गन, हेलफायर मिसाइलें और रॉकेट पॉड्स लगे होते हैं. ये दुश्मन के टैंकों से लेकर छुपे ठिकानों तक को सेकंडों में खत्म कर सकते हैं. यह हेलिकॉप्टर अपने खास रडार की मदद से खुद को छुपाकर दूर के टारगेट को देख और निशाना बना सकता है. इसकी टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि यह रात, बारिश, धूल और कोहरे में भी साफ-साफ टारगेट को देख सकता है और मार सकता है.
क्यों खास है जोधपुर में अपाचे की तैनाती?
मार्च 2024 में बनाए गए 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन को यह पहली अपाचे यूनिट मिली है. इसका बेस जोधपुर में है… यानि पाकिस्तान बॉर्डर से बस कुछ ही किलोमीटर दूर. इसका मतलब साफ है राजस्थान के रेगिस्तान में अगर किसी तरह की घुसपैठ या आक्रमण हुआ तो अपाचे हेलिकॉप्टर सीधे एक्शन में आ जाएंगे. एंटी टैंक ऑपरेशन, क्लोज एयर सपोर्ट, रेपिड स्ट्राइक, अब ये सब कुछ ग्राउंड यूनिट्स के साथ सिंक्रनाइज़ होकर होगा.
डिलीवरी में हुई देरी और अब क्या होगा?
2020 में करीब 600 मिलियन डॉलर की डील के तहत भारत ने ये 6 अपाचे ऑर्डर किए थे. पहले इन्हें जून 2024 में आना था, लेकिन सप्लाई चेन की वजह से डिलीवरी जुलाई 2025 तक खिसक गई. अब पहली तीन अपाचे अगले हफ्ते आ रहे हैं, बाकी तीन इस साल के अंत तक पहुंचेंगे.
केवल फायरपावर नहीं, रणनीतिक संकेत भी हैं
इन हेलिकॉप्टर्स की तैनाती महज एक तकनीकी कदम नहीं बल्कि एक रणनीतिक संदेश है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान को ये स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से कोई हरकत अब बिना जवाब के नहीं जाएगी. अपाचे हेलिकॉप्टर सिर्फ दुश्मन को मारने के लिए नहीं उसे डराने के लिए भी है. जब दुश्मन जानता है कि उसकी हर हरकत पर नजर है और जवाब सेकंडों में मिल सकता है तो वो दो बार सोचता है.
अपाचे हेलिकॉप्टर: भारत के लिए क्या बदलेगा?
अब आर्मी के पास अपनी खुद की एयर फायरपावर होगी, इसके लिए एयरफोर्स का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. दुश्मन की निगरानी और उसकी जानकारी जुटाने वाले मिशन अब और भी तेज और सटीक होंगे. जमीन और आसमान से एक साथ होने वाले ऑपरेशन में यह हेलिकॉप्टर गेमचेंजर साबित होगा.