छत्तीसगढ़ के बीजापुर इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक रसोइया भी मारा गया है. मारा गया रसोइया एक सरकारी स्कूल में काम कर रहा था. इस बात का जैसे ही खुलासा हुआ पुलिस ने भी सफाई पेश कर दी है. पुलिस अफसरों ने दावा करते हुए कहा कि मारा गया रसोइया नक्सली ही था. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में हालही में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें पुलिस ने सात नक्सलियों के शव बरामद किए गए थे. बरामद शवों में दो शीर्ष माओवादी नेताओं गौतम उर्फ सुधाकर ,भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य और भास्कर राव , भाकपा ( माओवादी ) स्टेट कमिटी सदस्य शामिल हैं.
बरामद अन्य शवों में से एक की पहचान महेश कोडियम के रूप में की गई थी. जो बीजापुर जिले के फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के इरपागुट्टा गांव का निवासी था. पुलिस अफसरों का कहना है कि मृत महेश कोडियम के शव का पंचनामा किए जाने के दौरान यह तथ्य सामने आया कि वह नेशनल पार्क क्षेत्र डिवीजन के अंतर्गत प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन का पार्टी सदस्य था और उसकी संलिप्तता इस अवैध संगठन से थी.
यह भी सामने आया है कि महेश कोडियम इरपागुट्टा गांव के प्राथमिक विद्यालय में रसोई सहायक के रूप में काम कर रहा था. उसका चयन गांव की विद्यालय प्रबंधन समिति ने किया था और मार्च 2025 तक उसे भुगतान किया जा रहा था.
पुलिस अफसरों का ये भी कहना है कि अभी जांच का विषय है कि महेश कोडियम किन परिस्थितियों में केंद्रीय समिति सदस्य गौतम, राज्य समिति सदस्य भास्कर जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के संपर्क में आया था. इस पूरे मामले की हर पहलू से गंभीर, निष्पक्ष और पेशेवर तरीके से जांच की जा रही है.