कर्जा लेकर घी पीने की कहावत तो आपने भी सुनी होगी. अब इसे सच होते देखना है तो नजरें पाकिस्तान की तरफ डालिए. भुखमरी और कर्ज तले दबा एक ऐसा देश, जिसके आगे बढ़ने की न तो सोच दिखती है और न ही कोई प्लान या नीति. फिर भी यह देश सिर्फ अपनी सेना को इधर से उधर करने में ही रोजाना 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर देता है. यह रकम भारतीय रुपये में है, जबकि पाकिस्तानी रुपये में तो यह 135 करोड़ के आसपास होगी.
पाकिस्तान की बर्बादी और उसकी खराब मानसिकता की मिसाल इससे ज्यादा दुखदायी क्या होगी कि उसका शिक्षा पर जितना सालभर का कुल बजट होता है, उससे ज्यादा खर्चा एक दिन में मिलिट्री मूवमेंट पर कर देता है. पाकिस्तान का शिक्षा पर कुल बजट 135 करोड़ रुपये के आसपास है और इतनी ही रकम पाकिस्तान रोज अपनी आर्मी के मूवमेंट पर खर्च कर देता है. वह भी तब जबकि पाक के नेता आईएमएफ और विश्व बैंक के पास रोज कटोरा लिए खड़े रहते हैं. आज भी पाकिस्तान अपने बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ के सामने गिड़गिड़ा रहा है