मुंबई पर 26/11 को हुए आतंकी हमले के पीछे का एक बड़ा चेहरा, तहव्वुर हुसैन राणा, आखिरकार 16 साल बाद भारत लाया गया. अमेरिका के मियामी से उसे विशेष चार्टर फ्लाइट Gulf Stream G-550 में लाया गया, जिसकी प्रति घंटे लागत लगभग 9 लाख रुपये बताई जा रही है. यह सिर्फ एक अभियुक्त की वापसी नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक आतंक के खिलाफ मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन है. राणा के भारत पहुंचते ही उसे गुरुवार शाम पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की NIA हिरासत में भेज दिया गया. आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी से संबंध रखने वाले राणा पर अब आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत पूछताछ होगी. एजेंसी की कोशिश होगी कि इस पूछताछ से 2008 के हमले की परतें खुलें और उन नेटवर्क का भी पर्दाफाश हो, जो आज भी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं.