मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच अचानक गर्मी बढ़ने से लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी है। सप्ताहभर से पेट दर्द, लूज मोशन, डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं के मरीज 20 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में मौसमी बीमारी की परेशानी लेकर मरीज पहुंचने लगे हैं। फरवरी के अंतिम दिनों से राजधानी में गर्मी बढ़ने लगी है और अभी दिन की तेज धूप लोगों को बीमार करने के लायक हो चुकी है।
दोपहर को धूप के सीधे संपर्क में आने की वजह से लोगों में सिरदर्द की परेशानी बढ़ी है। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी होने के वजह से भी लोग डिहाईड्रेड होकर दूसरी तकलीफों के साथ अस्पताल पहुंचने लगे हैं। चिकित्सकों के अनुसार लोगों को पेट से संबंधित तकलीफ भी होने लगी है और लूज मोशन, पेट में ऐंठन जैसी शिकायतों की भरमार होने लगी है। आंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डाक्टरों के पास इस तरह के मरीज काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। डाक्टरों के मुताबिक विभाग में सामान्यतः ओपीडी दो से ढाई सौ की होती है, जिसमें 20 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारी से संबंधित हैं।
चिकित्सकों के मुताबिक पेट से ज्यादातर समस्या प्रदूषित पानी की वजह से होती है। गर्मी के दिन में बैक्टीरिया बढ़ने की आशंका अधिक होती है, जिससे पेट खराब होने की दिक्कतें आने लगती है। पिछले दिनों लभांडी के संकल्प वाटिका फेस-2 में गंदे पानी की वजह से लोगों के बीमार होने की शिकायत बढ़ गई थी। सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य और नगर-निगम का अमला सक्रिय हुआ और स्थिति को नियंत्रण में ले आया था।