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आम की फसल में मंजर आने पर रखें खास निगरानी, बचाव के लिए अपनाएं ये जरूरी उपाय

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राजनांदगांव जिले में आम के मौर में कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को कुछ उपाय बताए हैं. खासकर हॉपर कीट का प्रकोप ज्यादा है, जो पेड़ की पत्तियों का रस चूसकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है.

इससे पेड़ की ग्रोथ कम हो जाती है और फूल कम लगते हैं.

कृषि विभाग के सहायक संचालक डॉ. बीरेंद्र अनंत ने बताया कि हॉपर कीट को नियंत्रित करने के लिए मौर आने के समय ही कुछ कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए. इससे पेड़ को बचाया जा सकता है और अच्छी पैदावार हो सकती है.

निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1. डायमेथोएट 30 ई.सी की 1.5 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
2. डैलटामैथरिन 28 ई.सी 9 मिलीलीटर या फैनवैलारेट 20 ई.सी 5 मिलीलीटर या नींबीसाइडिन 1000 पी.पी.एम 20 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में मिलाकर पूरे पेड़ पर छिड़काव करें.
3. नीम तेल 3000 पी.पी.एम की 2 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
4. कीट का प्रकोप रहने पर हर 15 दिन बाद छिड़काव करते रहें.

इसके अलावा, रासायनिक कीटनाशक जैसे इमिडाक्लोप्रिड (0.3%), एंडोसल्फ़ान (0.5%), साइपरमेथ्रिन (0.4%) का भी उपयोग किया जा सकता है. जैविक तरीकों में लहसुन के अर्क, नीम के तेल, कवक ब्यूवेरिया बासियाना या मेटारहिज़ियम अनिसोप्ले का छिड़काव भी प्रभावी होता है. इन उपायों को अपनाकर किसान आम की फसल को कीटों के प्रकोप से बचा सकते हैं और अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।