श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल में फंसे 8 मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। लेकिन यह ऑपरेशन आसान नहीं है, क्योंकि फिलहाल टनल पानी से पूरी तरह भरी हुई है, जिससे बचावकर्मियों के लिए रास्ता बनाना कठिन हो गया है।
टनल में पानी भर जाने के कारण अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने में कई चुनौतियां आ रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, पानी का स्तर ऊंचा होने से न केवल खुदाई मुश्किल हो रही है, बल्कि बचाव अभियान भी धीमा पड़ गया है। जब तक पानी पूरी तरह नहीं निकाला जाता, तब तक टनल के अंदर प्रवेश करना असंभव बना हुआ है।
टनल में क्यों भर गया पानी?
यह टनल कृष्णा नदी का पानी नलगोंडा जिले तक पहुंचाने के लिए बनाई जा रही है। इस परियोजना पर पिछले पांच वर्षों से काम चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, टनल के ऊपर की पहाड़ियों से पानी का रिसाव हो रहा था, जिसे टनल की छत काफी हद तक रोक रही थी। लेकिन जब टनल की छत का एक हिस्सा गिर गया, तो पानी अंदर भर गया, जिससे मजदूर वहां फंस गए।
टनल के अंदर इस रिसाव को पूरी तरह से रोकने के लिए विशेष पंप और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन चूंकि यह इलाका पहाड़ी और चट्टानी है, इसलिए पानी को पूरी तरह से निकालने में समय लग सकता है।
टनल से पानी निकालना बचाव कार्य की पहली चुनौती
बचाव कार्य की शुरुआत टनल से पानी निकालने से होगी। इसके लिए 100 हॉर्सपावर और 70 हॉर्सपावर की दो मोटर पंप लाई गई हैं, जो तेज़ी से पानी निकालने का काम कर रही हैं। जैसे ही पानी का स्तर नीचे जाएगा, बचाव दल के सदस्य टनल में प्रवेश करेंगे।
टनल के अंदर करीब 9 किलोमीटर तक खुदाई के लिए कन्वेयर बेल्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी कन्वेयर बेल्ट के सहारे बचाव दल के सदस्य अंदर जाएंगे और मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। बाकी इलाके की निगरानी ड्रोन के जरिए की जाएगी, ताकि किसी भी खतरे को पहले से भांपा जा सके और बचावकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।