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छत्तीसगढ़ : बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा भी मिलेगी. सरकार की पहल के बाद प्रदेश के कुछ स्कूलों ने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है. 

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छत्तीसगढ़ : बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा भी मिलेगी. सरकार की पहल के बाद प्रदेश के कुछ स्कूलों ने इसके लिए काम भी शुरु कर दिया है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ  गृहजिले जशपुर के एक गांव स्कूल से किया. बगिया और बंदरचुआ के स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक आवासीय विद्यालय बनाने की घोषणा की. जशपुर जिले की एक सरकारी स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब्स में से एक में रोबोटिक्स मॉडल विकसित करने वाले छात्र से बातचीत की.

उन्होंने इस सुदूरवर्ती जिले में किए गए व्यावसायिक शिक्षा काम की तारीफ की. उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए कौशल और व्यावसायिक शिक्षा जरूरी है. इस मौके पर उन्होंने खुद ही छात्रों के साथ मिट्टी के बर्तन बनाकर यह संदेश भी दिया कि बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए.

सीएम विष्णु देव साय ने  राजधानी रायपुर की बजाए राज्य के सुदूर सीमावर्ती जशपुर जिले के गांव बगिया से करके न सिर्फ वर्षों से चली आ रही परंपरा को बदला है बल्कि इसके माध्यम से उन्होंने राज्य के सुदूर कोने तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने का संदेश दिया है..

मुख्यमंत्री ने इस मौक पर एक पेड़ मां के नाम रोपित कर राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत की और लोगों से पौध रोपण के इस महायज्ञ में सहभागी बनने की भी अपील की.

मुख्यमंत्री ने स्थानीय भाषाओं में प्राइमरी एजुकेशन के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने इस क्षेत्र में बोली जाने वाली सदरी बोली भाषा में भी पाठ्य  पुस्तकें तैयार करने की बात कही. प्रदेश में अब तक 18 स्थानीय भाषाओं-बोलियों में स्कूली बच्चों पुस्तकें तैयार की गई हैं.

मुख्यमंत्री ने समर कैंप में बच्चों के किए गए कामों को देखकर खुशी जताई और सरकारी स्कूलों में हर साल ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित किए जाने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए राज्य सरकार ने इस साल से दो बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है. पीएमश्री के तहत राज्य में प्रथम चरण में 211 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है.