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MBBS Course: नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने एमबीबीएस के सिलेबस में फेरबदल किया है।

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MBBS Course: नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने एमबीबीएस के सिलेबस में फेरबदल किया है।

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने एमबीबीएस के सिलेबस में फेरबदल किया है। अब ऑप्थेलमोलॉजी व ईएनटी विषय की पढ़ाई फाइनल ईयर भाग दो में हो रही है। परीक्षा भी इसी समय देनी होगी। पहले इन दोनों विषयों की पढ़ाई फाइनल ईयर भाग एक में होती रही है। एनएमसी ने पहले इस संबंध में देशभर के चिकित्सा विश्वविद्यालयों को नोटिफिकेशन जारी कर दिया था।

पं. दीनदयाल उपाध्याय हैल्थ साइंस एंड आयुष विवि ने इस संबंध में प्रदेश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के डीन को निर्देश जारी कर दिया है।

सिलेबस में यह नया बदलाव सत्र 2022-23 में लागू हो गया है। प्रदेश के 10 सरकारी व 3 निजी कॉलेजों में नए सिलेबस के अनुसार पढ़ाई कराई जाएगी। अभी तक फाइनल ईयर भाग दो में मेडिसिन, ऑब्स एंड गायनी, पीडियाट्रिक व जनरल सर्जरी की पढ़ाई होती रही है। परीक्षा भी इन्हीं विषयों की होती रही है। अब दो नए सब्जेक्ट जोड़ने से छात्रों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ जाएगा। फाइनल ईयर में 6 विषयों की तैयारी करना आसान नहीं होगा। कुछ समय पहले फॉरेंसिक मेडिसिन विषय में भी बदलाव किया गया था। छात्रों की जरूरत को देखते हुए इसमें बदलाव करने का दावा एनएमसी कर रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सिलेबस में समय-समय पर बदलाव होते रहना चाहिए। इससे छात्रों को अपडेट होने का मौका मिलता है। राजधानी के डॉक्टरों ने नए सिलेबस का विरोध किया है। वे इस संबंध में कुलाधिपति व राज्यपाल से मिल भी चुके हैं। वे इसे छात्रों के लिए बोझिल बता रहे है। साथ ही, राज्यपाल के माध्यम से एनएमसी को पत्र लिखकर सिलेबस में बदलाव करने की मांग भी की गई है।

एमबीबीएस साढ़े चार साल का कोर्स है। एमबीबीएस पास होने के बाद एक साल इंटर्नशिप करनी होती है। एमबीबीएस पढ़ाई पूरी मानी जाती है। इंटर्नशिप पूरी होने के बाद दो साल की ग्रामीण सेवा अनिवार्य है। इसमें जाने के बाद ही हैल्थ साइंस विवि से स्थायी डिग्री मिलती है। छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में स्थायी पंजीयन होता है। नहीं जाने वालों के लिए 20 से 25 लाख की पेनाल्टी का प्रावधान है।