छत्तीसगढ़ : बेमेतरा के पिरदा धमाके की जांच शुरू, तीन बिंदुओं पर बनेगी रिपोर्ट, आठ अब भी लापता…
बेमेतरा जिले के पिरदा गांव के स्पेशल ब्लास्ट (बारूद फैक्ट्री) में हुए विस्फोट की मजेस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है। इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी पिंकी मनहर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन की ओर से 45 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित किया गया है।
फैक्ट्री के गेट के बाहर बैठकर प्रदर्शन करते ग्रामीण सहित पीड़ितों के स्वजन।
प्रबंधन ने दिया 25 लाख मुआवजे का प्रस्ताव, स्वजन 50 लाख पर अड़े, शासन की ओर से 45 दिनों में रिपोर्ट पेश करने का दिया गया है समय, बेमेतरा के पिरदा धमाके की जांच शुरू, तीन बिंदुओं पर बनेगी रिपोर्ट…
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के पिरदा गांव के स्पेशल ब्लास्ट (बारूद फैक्ट्री) में हुए विस्फोट की मजेस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है। इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी पिंकी मनहर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन की ओर से 45 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित किया गया है।
वहीं, पूरी जांच के लिए तीन प्रमुख बिंदु तय किए गए हैं। जिसमें विस्फोट का कारण, फैक्ट्री में सुरक्षात्मक उपाय यानी कि लाइसेंस, भंडारण, उपयोग, अग्निशमन सहित अन्य सभी सुरक्षा के पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा, जबकि तीसरा बिंदु इस पूरे विस्फोट के लिए किसे उत्तरदायी माना जाए पूरी जांच इन्हीं तीन प्रमुख बिंदुओं के बीच रहेगी। इसके अलावा जांच अधिकारी या मजिस्ट्रेट के निर्देश पर कोई अन्य बिंदु जिस पर जांच जरूरी हो, उसे भी शामिल करने का अधिकार दिया गया है।
अनिवभागीय अधिकारी पिंकी मनहर ने बताया कि इस जांच के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। विभिन्न पहलुओं पर जांच के लिए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया की जा रही है और बुधवार से विधिवत इसकी जांच शुरू की जाएगी। इसी बीच ग्रामीण सहित पीड़ितों के स्वजन पिछले चार दिनों से लगातार फैक्ट्री के गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना सहित आसपास के 22 गांवों के संगठन की ओर से भी ग्रामीणाें सहित स्वजनों को समर्थन दिया जा रहा है।
मोबाइल और बीड़ी भी हाे सकता है हादसे कारण : बारूद फैक्ट्री में ज्वलनशील पदार्थ यानी कि बीड़ी, सिगरेट, माचिस इत्यादि को प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद पहले भी कुछ कर्मचारी इन्हें लेकर अंदर जाते हुए भी पाए गए हैं। ऐसे में इस घटना के पीछे भी इन्हीं प्रतिबंधित सामग्रियों का अंदर ले जाना भी एक कारण हो सकता है।
प्रबंधन ने 25 लाख मुआवजे का दिया प्रस्ताव : घटना के तुरंत बाद ही मृतकों को शासन की ओर से पांच लाख रुपये और प्रबंधन की ओर से दस लाख रुपये की मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए गए थे। वहीं, इस पर सहमति नहीं बनने पर प्रबंधन की ओर से 25 लाख रुपये के मुआवजे का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन स्वजन अब भी 50 लाख रुपये के मुआवजे को लेकर अड़े हुए हैं।
एक की हो चुकी है मौत, आठ अब भी लापता : इस पूरे हादसे में पिरदा के रहने वाले एक कर्मचारी सेवक राम साहू की मौत हो चुकी है। वहीं, अन्य आठ लोग अब भी लापता हैं। जिसमें तीन पिरदा गांव से, दो बोरसी, एक उफरा, एक गबदा और एक भिंभौरी के कर्मचारी हैं। इन सभी के सैंपल रायपुर मेडिकल कालेज भेजे गए थे, जिनकी जांच के लिए हैदराबाद भेजा जा रहा है। वहीं, फोरेंसिंक डिपार्टमेंट के अनुसार इसकी रिपोर्ट आने में 20-25 दिन का समय लग सकता है।
डीएनए जांच के बाद ही मिलेगा मुआवजा : जिला प्रशासन के अनुसार इस पूरे मामले में डीएनए जांच की एक बड़ी भूमिका है। सभी स्वजनों के सैंपल के साथ ही रेस्क्यू के दौरान मिले शवों के चीथड़ों को जांच के लिए भेजा गया है। वहीं, प्रबंधन की ओर से तात्कालिक रूप से मिलने वाली राशि पांच लाख रुपये की राशि तो त्वरित रूप से दी जा रही है, जबकि प्रबंधन की ओर से मुआवजे की शेष राशि और शासन की राशि डीएनए जांच के बाद ही मिल पाएगी।
अब तक इन कर्मचारियों का नहीं मिला सुराग
– विजय गंधर्व – पिरदा
– पुष्पराज देवदास – पिरदा
– राजू ध्रुव – पिरदा
– नीरज ध्रुव – भिंभौरी
– लोकनाथ यादव – गबदा
– भीषम साहू – बोरसी
– नरहर यदु – बोरसी
– शंकर यादव – उफरा