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छत्तीसगढ़ : वरिष्ठ भाजपा नेता शिवरतन शर्मा का विपक्ष पर आरोप, नक्सलवाद खत्म नही करना चाहती है कांग्रेस…

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छत्तीसगढ़ : वरिष्ठ भाजपा नेता शिवरतन शर्मा का विपक्ष पर आरोप, नक्सलवाद खत्म नही करना चाहती है कांग्रेस…

छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस लेकर कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बहुत ही दुःख की बात है कि आज ऐसे दिन, जब कांग्रेस से ही जुड़े प्रदेश के अनेक नेता नक्सल हमले में दिवंगत हुए थे, उसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष प्रेस वार्ता लेकर नक्सलियों के समर्थन से संबंधित बयान जारी करें। इससे बढ़ कर अफ़सोसनाक बात और कुछ नहीं हो सकती। श्री शर्मा ने बैज से सीधा सवाल किया कि कांग्रेस यह साफ करे कि वह छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का खात्मा चाहती है या नहीं? भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि अभी छत्तीसगढ़ सबसे बड़ी लड़ाई नक्सलवाद के विरुद्ध लड़ रहा है। सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता भी मिल रही है। डेढ़ माह में 112 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, सैकड़ों गिरफ़्तार हुए हैं, बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं। आज भी 35 नक्सली के आत्मसमर्पण की खबर है। ऐसे समय अपने ही जवानों पर अविश्वास करते हुए मुठभेड़ की जांच के लिए कांग्रेस द्वारा कमिटी बनाया जाना ही आपत्तिजनक है। एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक आदि पर सवाल उठाने की तर्ज़ पर ही कांग्रेस हर कदम पर सवाल उठा कर सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने का कार्य करती है, कांग्रेस के ऐसे आचरण की जितनी निंदा की जाय, कम है। शनिवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता में शर्मा ने कहा कि आश्चर्य यह है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार की आत्मसमर्पण नीति पर राह से भटक गए स्थानीय नक्सलियों तक को भरोसा है, लेकिन कांग्रेस ऐसा कोई भरोसा दिखाने के लिए तैयार नहीं है। मुद्दई सुस्त गवाह चुस्त की तर्ज़ पर ऐसी घटनाओं पर भी कांग्रेस सवाल उठाती है, जिसके बारे में नक्सली भी सवाल नहीं करते। शर्मा ने कहा कि ‘छोटे बेटिया’ मुठभेड़, जिसमें 29 नक्सली मारे गए थे, को फ़र्जी बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान देखा। आश्चर्य यह है कि स्वयं नक्सलियों ने मृतकों के नाम जारी कर माना कि सभी मारे गए माओवादी उनके संगठन से जुड़े थे, तब भी कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री इसे फ़र्जी करार देकर सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने में लगे हुए थे।