कैसे हुआ था मिस्त्र के पैरामिडों का निर्माण, 4000 साल पुराना है रहस्य
वैज्ञानिकों ने इस बात को नकारा है कि इनके बनाने के पीछे कोई दैवीय शक्ति या एलियन का हाथ था, वैज्ञानिकों के मुताबिक पिरामिडों के निर्माण में अलौकिक प्राणियों का कोई हाथ नहीं था.
सऊदी गजेट की रिपोर्ट की मानें तो यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना विलमिंगटन के शोधकर्ताओं की एक दिलचस्प खोज से ये पता चलता है कि ये पिरामिड नील नदी की एक दबी हुई ब्रान्च के किनारे बनाए गए थे, जो रेगिस्तानी रेत और खेतों के नीचे छिपी हुई थी.
बहुत सालों से पुरातत्वविद ये अनुमान लगाते रहे हैं कि प्राचीन मिस्रवासियों ने पिरामिड निर्माण के लिए आवश्यक बड़े पत्थर के ब्लॉक और अन्य सामग्रियों के परिवहन के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल किया था. हालांकि ये अबतक पता नहीं चल सका है कि वो जलमार्ग कौन से थे.
शोधकर्ताओं ने इस नए अध्ययन में ये पता लगाया है कि लगभग 64 किलोमीटर लंबी नई खोजी गई अहरामत जगह का इस्तेमाल पिरामिड स्थलों तक निर्माण सामग्री और मजदूरों तक पहुंचाने के लिए किया जाता था.
हालांकि अबतक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि ये नदी क्यों सूख गई और इसके पीछे के कारण क्या थे.