”Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग की कवायद शुरू हो चुकी हैं.”
चुनाव आयोग की कोशिश है कि आगामी लोकसभा चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रहें, जिससे लोकतंत्र के मंदिर संसद में सही जनप्रतिनिधियों को ही भेजा सा सके. इन्हीं कोशिशों को अमलीजामा पहनाने के लिए चुनाव आयोग में केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुरक्षाबलों की मांग की है, जिससे मतदान के दौरान अराजकतत्वों की तमाम नापाक कोशिशों को सफलतापूर्वक नाकाम किया जा सके.
लोकसभा चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इन्हीं कोशिशों के तहत आयोग ने पूर्व में चुनाव के दौरान हुई हिंसा और मौजूदा कानून-व्यवस्था को लेकर विभिन्न राज्यों का आंकलन किया है.
इसी आंकलन के तहत, विभिन्न राज्यों में सुरक्षाबलों की तैनाती की योजना तैयार की जा रही है. सूत्रों की मानें तो आयोग की नजर में एक राज्य ऐसा भी है, जिसको जम्मू और कश्मीर से सभी अधिक संवेदनशील माना जा रहा है. शायद यही वजह है कि इस राज्य में सर्वाधिक सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.
पश्चिम बंगाल में चप्पे-चप्पे पर होगी अधैसैनिकबलों की तैनाती!
पश्चिम बंगाल वह राज्य है, जिसे चुनाव आयोग कानून व्यवस्था के लिहाज से सबसे अधिक संवेदनशील माना रहा है. शायद इसीलिए आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के लिए अधैसैनिकबलों की करीब 950 कंपनियों की मांग की है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य की तुलना में यह मांग 3 गुने से भी ज्यादा है. वहीं पश्चिम बंगाल से करीब 5400 वर्ग किमी अधिक क्षेत्रफल वाले बिहार राज्य के लिए अर्धसैनिक बलों की करीब 300 कंपनियां ही मांगी गईं हैं.
जम्मू और कश्मीर में तैनात होगी अधैसैनिकबलों की 650 कंपनियां
लोकसभा चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अनुच्छेद-370 से आजादी मिलने के बाद जम्मू और कश्मीर में अमन का एक नया सवेरा हुआ है. जिसका सीधा असर वहां की कानून-व्यवस्था और लगभग खत्म हो चुकी आतंकी गतिविधियों पर दिखता है. सूबे की भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से अभी भी वहां चुनाव कराना आसान नहीं है, पर इतना मुश्किल भी नहीं है, जितना एक समय था. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए जम्मू और कश्मीर में करीब 650 कंपनियों की तैनाती योजना है.
अधैसैनिकबलों की 3500 कंपनियों के जिम्मे होगा लोकसभा चुनाव
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए गृह मंत्रालय से अर्धसैनिक बलों की करीब 3500 कंपनियां मांगी हैं. इसमें, छत्तीसगढ़ के लिए 360, बिहार के लिए 300, गुजरात के लिए 200, राजस्थान के लिए 200, महाराष्ट्र के लिए 150, मध्य प्रदेश के लिए 120, हरियाणा के लिए 100, हिमाचल प्रदेश के लिए अर्धसैनिक बलों की 60 कंपनियां मांगी गई हैं. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब और झारखंड के लिए अर्धसैनिक बलों की 250-250 कंपनियां मांगी गईं हैं.