सरगुजा जिले के लुण्ड्रा क्षेत्र में एक हफ्ते से विचरण कर रहे 27 हाथियों का समूह रविवार की सुबह दस बजे अम्बिकापुर नगर से लगे महामाया पहाड़ बंधियाचुआं तक पहुंच गया. हालांकि, हाथियों के शहर के नजदीक पहुंच जाने की खबर वन विभाग को नहीं लग सकी. ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के बाद वन विभाग में अफरा-तफरी का माहौल मच गया और वन विभाग के अधिकारियों सहित मैदानी वन अमला उनकी निगरानी में जुट गया. हालांकि पूरे दिन हाथियों के अलग-अलग दल में बंट जाने से उनके निगरानी में भी दिक्कत होती रही और वन विभाग के कर्मचारी शाम ढलने के बाद हाथियों के जंगल से बाहर निकलने और उनके मूवमेंट का इंतजार करते रहे.
वन विभाग का मैदानी अमला अब इस कोशिश में जुटा हुआ है कि हाथियों का दल कहीं अम्बिकापुर शहर में न प्रवेश कर जाए. इसके पहले भी नगर में हाथियों का दल लगभग तीन से चार बार प्रवेश कर चुका है. हालांकि उस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई थी. गौरतलब है कि 27 हाथियों का दल अम्बिकापुर शहर से लगभग दस से बारह किमी की दूरी पर पिछले एक हफ्ते से विचरण कर रहा है और वन विभाग के प्रयास के बावजूद हाथियों को जंगल में सीमित रखने में सफलता नहीं मिल सकी है.
खतों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे थे हाथी
हाथी लगातार किसानों के खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही घरों को भी क्षतिग्रस्त कर रहे हैं. रविवार को हाथियों का दल सुबह लगभग दस बजे अचानक बंधियाचुआं के आसपास देखा गया और ग्रामीणों से यह सूचना पूरे शहर में फैल गई.
इस सूचना के बाद ही वन विभाग का अमला हरकत में आया और बंधियाचुआं, रायगढ़ मार्ग में चेन्द्रा के समीप और बांकी जलाशय के समीप वन विभाग की अलग-अलग टीम निगरानी में जुट गई. पूरे दिन हाथियों के लोकेशन को लेकर संशय की स्थिति बनी रही और वन विभाग का अमला जनहानि रोकने लोगों को जंगल की ओर जाने से मना करने की समझाइश देने में जुटा रहा.