Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की सबसे बड़े यूनिवर्सिटी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) में इस साल UG के 80 फीसदी बच्चे फेल हो गए हैं. ये सभी बच्चे दो विषयों में फेल हुए. इसलिए नियम के अनुसार इनको पूरक परीक्षा देने तक का भी मौका नहीं मिल रहा है.
अगर ये एक विषय में फेल हुए होते तो पूरक परीक्षा देकर अगली क्लास में बढ़ जाते. इसलिए अब छात्रों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल( Bhupesh Baghel) से मुलाकात कर दो विषयों में पूरक परीक्षा दिलाने की अनुमति के लिए ज्ञापन दिया है.
इसके साथ छात्रों ने कुलपति को भी एक ज्ञापन सौंपा है. दरअसल, शनिवार रात कांग्रेस नेता विनोद तिवारी के साथ यूनिवर्सिटी के बच्चे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले. उन्होंने बताया कि इस साल विश्वविद्यालयों के बेहद खराब नतीजे आए हैं और पिछले तीन सालों से कोरोना के कारण पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इससे विशेषकर सैद्धांतिक विषयों में छात्रों की पकड़ भी कमजोर हुई है. इसके परिणाम इस साल के नतीजों में भी दिखाई दिए है.
स्नातक स्तर 80 फीसदी छात्र फेल
इस साल की परीक्षा में स्नातक स्तर के बहुत से छात्र (लगभग 80%) फेल हो गए हैं. इसलिए इस साल के लिए स्नातक स्तर के छात्रों को दो विषयों में सप्लीमेंट्री एग्जाम की पात्रता प्रदान करने की मांग की गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छात्रों की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है. कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि रविशंकर विश्वविद्यालय में 1 लाख 25 हजार ऐसे छात्र हैं, जो दो विषयों में फेल हैं. राज्य के दूसरे सरकारी विश्वविद्यालय के छात्रों को भी शामिल करें तो ये संख्या 2 लाख 50 हजार के आस पास होगी.
मिलती है चार विषयों में परीक्षा देने की पात्रता
उन्होंने बताया कि सरकारी विश्वविद्यालयों में अमूमन मध्य वर्ग और गरीब वर्ग के छात्र ही पढ़ रहे हैं. पिछले तीन सालों में कोरोना के कारण अध्ययन में पिछड़े छात्रों और इस साल के बेहद खराब परीक्षा परिणाम को देखते हुए यदि इस साल छत्तीसगढ़ सरकार छात्रों को दो विषयों में सप्लीमेंट्री एग्जाम की पात्रता देती है, तो लाखों छात्रों का एक साल खराब होने से बचेगा. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा व्यवस्था में सेमेस्टर परीक्षा देने वाले छात्रों को एटीकेटी की सुविधा के तहत चारों विषयों में फिर से परीक्षा देने की पात्रता मिलती है.
वहीं वार्षिक परीक्षा (बीए/बी कॉम/बी एस सी/ बीसीए ) के छात्रों को सिर्फ एक विषय में सप्लीमेंट्री एग्जाम की पात्रता होती है. इसलिए छात्रों की मांग है कि दो विषयों में सप्लीमेंट्री एग्जाम की पात्रता दिया जाए.