पीएम मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया. तमिलनाडु से आए अधीनम संतों ने वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ पूजा की.
सेंगोल की स्थापना के कार्यक्रम में सिर्फ कट्टरपंथी दक्षिण ब्राह्मणों को बुलाया जाना इस विशेष कार्यक्रम में सभी धर्मों के गुरु या प्रतिनिधियों को बुलाया कार्यक्रम में जिस तरह दक्षिण भारत के गुरुओं को बुलाया गया है…
ब्राह्मणवाद को स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है. ऐसे में सवाल है कि कौन होते हैं दक्षिण भारत के अधीनम और इनका महत्व क्या है.
कौन होते हैं अधीनम?
अधीनम संस्कृत के शब्द आधिपति से लिया गया है. जिसका मतलब होता है भगवान या मालिक. दक्षिण में इनका नेतृत्व आमतौर पर ब्राह्मण करते हैं. लेकिन कुछ अधीनम ऐसे भी होते हैं जिनके गुरु गैर-ब्राह्मण भी होते हैं. थिरुवदुथुरै अधीनम का नेतृत्व एक वैष्णव संत करते हैं जो ब्राह्मण नहीं हैं.
दक्षिणभारत में ऐसे कई मठ हैं जिनका नेतृत्व ऐसे ही आचार्य या स्वामी हो करते हैं. अधीनम हिंदू धर्म के एक विशेष संप्रदाय से जुड़े होते हैं, जैसे शैववाद या वैष्णववाद. उनके पास बड़ी संख्या में समर्थक होते हैं जो वे हिंदू संस्कृति और परंपरा का विस्तार करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
दक्षिण भारत में ये अधीनम हिन्दू धर्म औार संस्कृति का अहम हिस्सा होते हैं. जो इसका प्रसार करते हैं. इतना ही नहीं, वे हिंदू धर्म के अध्ययन और अभ्यास के लिए एक मंच प्रदान करते हैं.
अधीनम का महत्व?
हिन्दू धर्म में हमेशा से ही अधीनम का महत्व रहा है क्योंकि इनके जरिए ही दक्षिण में हिन्दू धर्म और संस्कृति का प्रचार किया गया और धार्मिक दायरे को बढ़ाया गया. लेकिन स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थाओं की शुरुआत के बाद से यहां पर धर्म की शिक्षा लेने वालों की तादात में कमी आई.
समय के साथ दायरा घटने के बाद भी दक्षिण में अधीनमों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और धर्म का प्रचार किया. इतना ही नहीं, इन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की हमेशा मदद की.
यूं तो दक्षिण में कई तरह के अधीनम हैं, लेकिन कुछ सबसे ज्यादा चर्चित रहे हैं. जैसे- मदुरै अधीनम. इन्हें दक्षिण भारत का सबसे पुराना अधीनम कहा जाता है. इनके मठ मदुरै में हैं. ये शैव सम्पदाय से ताल्लुक रखते हैं. इसके अलावा थिरुवदुतुरई अधीनम है, जो हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ स्कॉलरशिप देने के लिए भी जाने जाते हैं. वहीं, धर्मापुरम अधीनम है जो तमिलनाडु के मयिलाडुतुरै में है. ये सामाजिक कार्य और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़ा है.
क्या करते हैं अधीनम?
हिन्दू दर्शन की जानकारी देना औ शास्त्रों को पढ़ाना अधीनमों के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है. इसके अलावा धार्मिक अनुष्ठानों और समारोहों का आयोजन करना, हिंदू संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देना और गरीबों-जरूरतमंदों की मदद करना भी इनका काम है. इसके अलावा हिंदू धर्म और संस्कृति पर पुस्तकें-लेख प्रकाशित करना, स्कूल और कॉलेज चलाना और मंदिरों व अन्य धार्मिक संस्थानों की प्रशासन व्यवस्था देखना भी इनके कार्यक्षेत्र का हिस्सा है.