दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सलियों ने दो महीने पहले ही सड़क के नीचे विस्फोटक लगाकर हमले की साजिश रच ली थी। उन्होंने किनारे से ड्रिलिंग कर सुरंग बनाई और सड़क के नीचे आइईडी लगाकर सुरंग को मिट्टी से पाट दिया।
150 मीटर लंबे तार से आइईडी को कनेक्ट कर झाड़ियों के पीछे से डेटोनेट किया गया।
तार को भी जमीन के दो-तीन मीटर नीचे दबाकर आगे तक ले जाया गया था। अरनपुर में नक्सली विस्फोट में दस जवानों बलिदान के तीसरे दिन पुलिस ने यह जानकारी दी है। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि यह क्षेत्र संवेदनशील है इसलिए सुरक्षा के लिहाज से समय समय पर सड़क की डी माइनिंग की कार्रवाई की जाती है।
सुरंग खोदकर फाक्सहोल मेकेनिज्म से आइईडी को सड़क के काफी नीचे दबाया गया था इसलिए डी माइनिंग की प्रक्रिया के दौरान यह सेंसर की पकड़ में नहीं आया। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा करने के पश्चात जांच रिपोर्ट तैयार की है। आइजी ने बताया कि विस्फोट से पूर्व सुबह 6.30 बजे अरनपुर क्षेत्र के नहाड़ी गांव में बलिदानी डीआरजी जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी।
मुठभेड़ के बाद जवानों ने दो नक्सली लखमा कवासी और सन्ना उर्फ कोसा माड़वी को गिरफ्तार किया था। घटनास्थल से नक्सल साहित्य, पिट्ठू व दैनिक उपयोग की सामग्री भी बरामद की गई थी। पकड़े गए नक्सलियों में से कोसा माड़वी को जांघ व कोहनी में गोली लगी थी। जवान घायल नक्सली को उपचार कराने के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान विस्फोट किया गया।
दरभा डिवीजन के नक्सलियों पर एफआइआर–
अरनपुर हमले की जिम्मेदारी नक्सलियों की दरभा डिवीजनल कमेटी ने ली है। पुलिस ने दरभा डिवीजनल कमेटी में सक्रिय नक्सलियों जगदीश, लख्खे, लिंगे, सोमडू, महेश, हिड़मा, उमेश, देवे, नंद कुमार, लखमा, कोसा, मुकेश, चैतू, मंगतू, रनसाय, जयलाल, बामन, सोमे, राकेश, भीमा तथा अन्य के विरूद्ध एफआइआर दर्ज की है। सभी पर यूएपीए एक्ट लगाया गया है।
बलिदानियों के स्वजनों को मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना में बलिदान हुए सभी डीआरजी जवान एवं वाहन चालक को विभागीय प्रविधान तथा शासन की नक्सल पीड़ित पुनर्वास नीति के तहत अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी। उन्हें नियमानुसार आर्थिक सहायता व अन्य सुविधाएं भी शीघ्र उपलब्ध कराई जाएंगी।