आदिवासी समाज ने धर्मांतरण के मामले को लेकर सोमवार को बंद का आह्वान किया था। दोपहर में समाज के लोग शहर बंद करवाने पहुंचे थे। कुछ लोग बाइक से घूम रहे थे तो कुछ पैदल थे। पुलिस फोर्स को गुमराह करने के लिए कुल 4 गुट के सदस्य अलग-अलग जगहों पर मौजूद थे। कुछ लोग कुल्हाड़ी, फरसा, रॉड और लाठियों से लैस थे।
जबकि, कुछ खाली हाथ थे, वे मुख्य सड़क पर खड़े थे। जो हथियार से लैस थे वे शहर के अंदर गलियों में घुसकर चर्च की तरफ चले गए थे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। फिर जो हुआ वो सब के सामने है। हालांकि, तनावपूर्ण स्थित को देखते हुए डरे सहमे युवक ने अपना चेहरा और पहचान बताने से मना कर दिया।
जब हम शहर के एक चर्च में पहुंचे तो यहां चारों तरफ कांच बिखरा हुआ था। खिड़कियां टूटी हुईं थी। दरवाजे टूटे हुए थे। मसीह सामाज के धार्मिक ग्रंथ, फोटो और मूर्तियों को भी तोड़ फोड़ किया गया था। चर्च के अंदर कुर्सियां, टेबल, माइक सिस्टम समेत अन्य सामान भी तहस-नहस थे। डर की वजह से दिन में मसीह समाज के सदस्य चर्च के अंदर तक नहीं आए। लेकिन, जब हम चर्च पहुंचे तो हमें देख कर पीछे की तरफ से कुछ लोग पहुंचे।
TI को पटक-पटककर मारते ग्रामीण।
हालांकि, सभी डरे हुए थे। कुछ भी कहने से मना कर दिया। बस टूटे फूटे सामानों को देख और धार्मिक ग्रंथों को उठाकर सुरक्षित रखने लगे थे। चर्च के पास स्थित अन्य कमरों में भी उपद्रवी घुसे थे। वहां भी सारा सामान तोड़ फोड़ किया गया। दरअसल यह वही चर्च है जहां भीड़ को रोकने के लिए जुटे SP सदानंद कुमार समेत पुलिस जवानों की भी लाठियों से पिटाई की गई थी। थानेदार को पटक-पटककर मारा था।
कुछ लोगों ने फोटो लेने से किया मना
चर्च से निकलने के बाद जब हम शहर के अन्य इलाकों में गए और सुनसान गलियों की वीडियो और तस्वीरें लेने लगे तो दो युवक बाइक से हमारे पास पहुंचे और उन्होंने हमसे हमारा परिचय पूछा। फिर फोटो वीडियो लेने मना कर दिया। ये लोग कौन थे? किस समुदाय से थे? इसकी जानकारी उन्होंने हमें नहीं दी। बरहाल तनावपूर्ण स्थित को देखते हुए हम भी वहां से निकल गए और दूसरी तरफ चले गए थे।
2 इलाके ऐसे जहां स्थित ज्यादा खराब
शहर के शांति नगर वार्ड और बंगलापारा वार्ड में स्थित ज्यादा खराब नजर आई। इन दोनों वार्डों में चप्पे-चप्पे में जवानों को तैनात किया गया था। हमें ऐसी सूचना मिली थी कि इन इलाकों में रात में उपद्रवी घुस गए हैं। हम भी पहुंचे। सड़कें वीरान थी। हालांकि, यहां पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन भी घूम रही थी। रात में कुछ लोगों को पकड़ा भी गया है।
सर्व आदिवासी समाज ने की निंदा
इस मामले के बाद सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल में जाकर तोड़ फोड़ करना यह गलत है। इस घटना के पीछे सर्व आदिवासी समाज का नाम आ रहा है। लेकिन, हमारे लोगों ने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि, इसके पीछे कौन लोग थे? हमें नहीं पता है। सर्व आदिवासी समाज ने इस घटना की निंदा की है।
बस स्टैंड में भी वीरानी छाई रही।
हिरासत में भाजपा के जिला अध्यक्ष
बताया जा रहा है कि, ग्रामीणों के इस विरोध के पीछे कुछ राजनीतिक संगठन का भी हाथ था। जब मामले ने उग्र रूप लिया और पुलिस वालों को पीटना शुरू किया तो पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष रूप सिंह सलाम को भी हिरासत में लिया है। हालांकि, इस मामले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ऐसे पकड़ा तूल
दरअसल, जिले के एक गोर्रा गांव में धर्मांतरित लोग और गांव के ग्रामीणों ने बैठक रखी। धर्मांतरित परिवारों को मूल धर्म में लौटने कहा गया। लेकिन, यहां विवाद इतना बढ़ गया कि मामले ने तूल पकड़ लिया। दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। जिसके बाद सोमवार को ग्रामीणों ने जिला बंद का आह्वान कर दिया था।