निगम के रिकार्ड में अवैध प्लाॅटिंग के सिर्फ 150 मामले हैं, जिन्हें नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-ग (2) के प्रावधानों के तहत नोटिस जारी किया गया है। हकीकत यह है कि अवैध प्लाॅटिंग के इतने ही मामले और हैं जो या तो निगम इंजीनियरों की जानकारी में नहीं हैं या फिर मिलीभगत से प्लाॅटिंग हो रही है। अवैध प्लाॅटिंग के मामले में निगम कार्रवाई तो रही रही है, लेकिन राजस्व विभाग की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। अवैध प्लाॅटिंग के मामले में निगम ने एसडीएम को 5 बार चिट्ठी लिखी, लेकिन एक बार भी जवाब नहीं आया।
छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कालोनाइजर निर्बंधन तथा शर्तें) नियम संशोधन 2016 के नियम 15 (क) (1) (6) अनुसार कॉलोनाइजरों को कॉलोनी में 10 प्रतिशत सार्वजनिक सुविधाओं के लिए खुला स्थान नहीं होने से अपेक्षित खुली भूमि के मूल्य की दोगुनी राशि काॅलोनाइजर से वसूल किये जाने का प्रावधान है, जिसके तहत मार्ग संरचना के प्रकरणों में भूमि स्वामी की जानकारी होने पर उनसे सार्वजनिक सुविधा के लिए 89.24 लाख एवं अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए 1-1 लाख रुपए पेनल्टी लगाई गई है। जिसमें से 25.25 लाख की वसूली की जा चुकी है। शेष राशि जमा करने हेतु समय मांगा गया है। विकास शुल्क के रूप में कुल राशि 53.65 लाख रुपए वसूल किए गए हैं।
5 एफआईआर, 76 केस टीएंडसीपी को सौंपे गए
निगम अफसरों का कहना है कि अवैध प्लाॅटिंग/ कॉलोनी के 150 मामलों में जिन कॉलोनियों पर मात्र सड़क, बिजली खंभे, नाली तथा सीमांकन के लिए पत्थर लगाये गये थे। जहां पर किसी प्रकार भवन का निर्माण नहीं हुआ था, उन 72 अवैध कालोनियों की निर्मित डब्ल्यूबीएम/सीसी सड़क, सीमाकंन के लिए तैयार बाउंड्रीवाल और बिजली खंभों को हटाया गया।
इन 72 प्रकरणों में 5 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। शेष 76 मामलों में मार्ग संरचना मापदंड के अनुसार पाये जाने पर मार्ग संरचना तैयार कर नगर तथा ग्राम निवेश को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। इसमें 45 प्रकरण पर नगर तथा ग्राम निवेश अनुमोदन प्राप्त होने के बाद एमआईसी द्वारा विकास शुल्क का अनुमोदन किया गया है। इसमें विकास शुल्क लेकर नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
उप पंजीयक को 90 खसरा नंबरों की सूची दी फिर भी हो रही रजिस्ट्री
अवैध प्लाटिंग की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए उप पंजीयक बिलासपुर और तखतपुर को 23 मार्च 2021 और 5 अप्रैल 2021 को पत्र लिखा गया और अलग-अलग 90 खसरा नंबरों की सूची सौंपी गई। इसके बाद भी अवैध प्लाॅटिंग की रजिस्ट्री हो रही है।
तीन विभागों के बीच ही घूम रही अवैध प्लाॅटिंग की फाइल
अवैध प्लाटिंग की फाइल निगम, राजस्व और रजिस्ट्री ऑफिस के बीच घूम रही है। निगम तो कार्रवाई कर रही है, लेकिन दो विभागों की अोर से निगम को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। यही कारण है अवैध प्लाटिंग पर अफसर रोक नहीं लगा पा रहे हैं।
- 72 प्रकरणों में अवैध प्लॉटिंग करने वाले 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
- कराई गई है।
- 76 मामले में मार्ग संरचना तैयार कर नगर तथा ग्राम निवेश को भेजे गए हैं।
जानिए… निगम ने एसडीएम को कब-कब लिखी चिट्ठी
निगम के रिकाॅर्ड के अनुसार 1 प्रकरण (शिकायतकर्ता अर्चना पांडेय) की शिकायत निराधार पाई गई। 1 प्रकरण ( विकास भोजवानी खसरा क्र. 475/1, 479, 480/1, 480 / 2, 481/1, 482, 485, 522 / 1, 523, 524, 554) में स्वीकृत भू-अभिन्यास होने के कारण उसे विलोपित किया गया। वास्तविक भूमि स्वामी तथा खसरा नं. व रकबा एवं टुकड़ों पर बिक्री की जानकारी के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को 10 नवंबर 2020, 23 नवंबर 2020, 7 दिसंबर 2020, 24 फरवरी 2021, 10 नवंबर 2022 पत्र लिखा गया है, लेकिन एसडीएम कार्यालय से एक बार भी जवाब नहीं आया। निगम के अफसरों का कहना है कि राजस्व विभाग के अफसरों से कार्रवाई में कोई सहयोग नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ निगम ही कार्रवाई कर रही है।
बिरकोना रोड में बड़े पैमाने पर हो रही कच्ची प्लाॅटिंग
बिरकोना रोड, पत्रकार कॉलोनी के बाजू और कोनी में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाॅटिंग की जा रही है। निगम और टीएनसीपी में इसकी शिकायत की गई है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई
नहीं हुई है। यही कारण है भूमाफिया लगातार यहां कच्ची प्लाॅटिंग कर रहे हैं।