वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पेश Aam Budget 2022 में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को सबसे ज्यादा निराश किया. प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) का भुगतान करने वाले देश के करीब 6 करोड़ करदाताओं को उम्मीद थी कि महामारी से लगे झटके से उबारने के लिए बजट में कुछ राहत जरूर मिलेगी.
करदाताओें को सबसे ज्यादा उम्मीद नए टैक्स स्लैब में कुछ राहत दिए जाने को लेकर थी. दरअसल, बजट 2020 में आए नए टैक्स स्लैब (Tax Slab) में सरकार ने 70 तरह की कर छूट को खत्म करते हुए इसकी दरें घटा दी थीं. हालांकि, इसका लाभ 20 लाख से ज्यादा की सालाना आय वालों को ही ज्यादा मिलता है. यही कारण रहा कि 2021-22 में आयकर रिटर्न भरने वाले महज 5 फीसदी करदाताओं ने नए स्लैब का चुनाव किया. फिलहाल सरकार ने नए और पुराने टैक्स स्लैब को पहले की तरह ही बनाए रखा है.
वर्क फ्रॉम होम के खर्च पर थी छूट की उम्मीद
टैक्सपेयर्स को महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (WFH) की वजह से बढ़े खर्च पर टैक्स छूट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वित्तमंत्री ने इस पर भी पानी फेर दिया और नौकरीपेशा को उनकी हालत पर छोड़ दिया. इसके अलावा ऑफिस की तरफ से मिलने वाले कई तरह के अलाउंस पर भी लोगों ने टैक्स छूट की उम्मीदें पाल रखी थीं, जो नहीं पूरी हुईं.
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स निर्धारित करके यह संकेत दिया है कि वह इस पर प्रतिबंध तो कतई नहीं लगाने जा रही. क्रिप्टो में निवेश से होने वाले रिटर्न पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा और इसमें हुए किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई भी नहीं होगी. इसके अलावा सरकार ने सहकारी समितियों को टैक्स और सरचार्ज में छूट देकर छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में फाइनेंशियल पहुंच बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है. 31 मार्च, 2023 से पहले स्थापित स्टार्टअप को भी टैक्स छूट दी जाएगी.सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स निर्धारित करके यह संकेत दिया है कि वह इस पर प्रतिबंध तो कतई नहीं लगाने जा रही.
होम लोन को नए टैक्स स्लैब में लाने की थी गुंजाइश
Income Tax विशेषज्ञ और करदाताओं को उम्मीद थी कि सरकार नए टैक्स स्लैब में होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट को शामिल करेगी. होम लोन के ब्याज भुगतान पर अभी आयकर की धारा 24बी के तहत सालाना 2 लाख रुपये की और 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट दी जाती है. अगर यह 3.5 लाख की टैक्स छूट नए स्लैब में शामिल हो जाती, तो बड़ी संख्या में करदाता नए टैक्स रिजिम को अपनाने की तरफ बढ़ सकते थे.
वित्तमंत्री ने करदाताओं को दीं ये राहतें
-कॉरपोरेट सरचार्ज को 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है.
-बिजनेस पर होने वाले खर्च पर हेल्थ और एजुकेशन सरचार्ज से छूट मिल गई है.
-लांग टर्म कैपिटल गेन LTCG के रूप में हुई कमाई पर सरचार्ज 15 फीसदी से अधिक नहीं लगेगा.
-आयकर रिटर्न में दो साल तक संशोधन की छूट रहेगी और बकाया टैक्स भरा जा सकेगा.
-1 से 10 करोड़ वाली सहकारी समितियों पर सरचार्ज 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है.
-न्यू पेंशन स्कीम NPS में नियोक्ता के अंशदान पर मिलने वाली टैक्स छूट को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी अंशदान तक कर दिया गया है.