अक्टूबर से ही वायु प्रदूषण (Air Pollution) के चलते जहरीली हवाएं दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) वालों को परेशान करने लगती हैं. यहां तक की वायु प्रदूषण बढ़ने के चलते अस्पतालों तक में भीड़ बढ़ जाती है. मौसम भी धुंधला हो जाता है. आंखों में जलन और गले में खराश होने लगती है. इसी के चलते दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में कुछ चीजों को अस्थाई रूप से बैन कर दिया है. वहीं सरकारी आदेश का पालन नहीं करने और वायु प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना (Penalty) भी लगाया जा रहा है. लेकिन जब वायु प्रदूषण का स्तर घटता है तो लगाए गए बैन में कुछ राहत भी दी जाती है.
स्कूल बंद तो निर्माण कार्य में मिली छूट
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही दिल्ली सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश जारी कर दिया. स्कूली बच्चों पर प्रदूषण का असर न हो इसके लिए 26 नवंबर तक के लिए स्कूल बंद कर दिए गए. ऑनलाइन क्लास चलाने की बात कही गई. वहीं वायु प्रदूषण बढ़ाने में शामिल सबसे बड़े कारणों में से एक निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई.
लेकिन शनिवार और रविवार को जैसे ही वायु प्रदूषण का स्तर कुछ कम हुआ तो निर्माण कार्य करने के लिए कुछ राहत दे दी गई. लेकिन इस राहत के साथ 14 पाइंट की गाइड लाइन भी जारी की गई है. गाइड लाइन का पालन करते हुए ही दिल्ली में निर्माण कार्य कराया जा सकेगा. अगर किसी भी एक नियम का पालन नहीं किया गया तो जुर्माना भरना होगा.
ट्रकों की एंट्री पर रहेगा बैन, लेकिन इन्हें मिलेगी छूट
दिल्ली में अगले आदेश तक के लिए ट्रकों की एंट्री बैन कर दी गई है. गैर जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रकों को एंट्री नहीं दी जाएगी. डीजल से चलने वाले ट्रकों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जा रही है. सीएनजी से चलने वाले कर्मिशियल वाहनों को जरूर कुछ छूट दी गई है. लेकिन दिल्ली में उन्हीं ट्रक को एंट्री दी जा रही है जो खाने-पीने का जरूरी सामान लेकर आ रहे हैं. गौरतलब रहे कि वायु प्रदूषण में पीएम 2.5 बढाने में वाहनों से निकला धुआं भी एक बड़ा कारण होता है.
50 फीसद छूट के साथ दिए वर्क फ्राम होम के आदेश
लोग अपने वाहन लेकर सड़कों पर कम निकलें, इसके लिए दिल्ली सरकार ने 50 फीसद छूट के साथ वर्क फ्राम होम के आदेश जारी किए हैं. सभी आफिस को आदेश देते हुए कहा गया है कि अपने-अपने आफिस की कुल संख्या के कर्मचारियों की 50 फीसद संख्या से घर पर और बाकी बची 50 फीसद से आफिस में काम कराया जाए.
जनरेटर और कूड़ा-करकट जलाने पर भी रहेगी रोक
धुआं उगलने वाले जनरेटर चलाने पर भी दिल्ली सरकार ने रोक लगा दी है. बाजारों में, होटल-रेस्टोरंट में, शादी-विवाह समारोह में और खासतौर पर रेजीडेंट सोसाइटियों में बड़े-बड़े जनरेटर चलाए जाते हैं. हजारों लीटर डीजल इस दौरान जलकर धुआं छोड़ता है. इसी को देखते हुए जनरेटर पर रोक लगाई गई है. इसके साथ ही सार्वजनिक जगह और सड़क के आसपास कूड़ा-करकट जलाने पर भी रोक लगाने के साथ ही जुर्माने का नियम भी रखा गया है. अभी तक कई जगहों पर खुले में कूड़ा-करकट जलाने पर जुर्माना वसूला जा चुका है.