केंद्र सरकार ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने का ऐलान किया है. सरकार के इस फैसले को सबसे बड़ा असर पंजाब (Punjab) पर पड़ने की संभावनाएं देखी जा रही हैं. क्योंकि पंजाब (Punjab Elections) के बीजेपी प्रमुख अश्वनी शर्मा (Ashwani Sharma) ने पार्टी के पूर्व गठबंधन दल शिरोमणि अकाली दल (SAD) से फिर हाथ मिलाने की संभावनाओं से इनकार कर दिया है. साथ ही उनका कहना है कि शिरोमणि अकाली दल के बजाय बीजेपी अमरिंदर सिंह से हाथ मिलाने के कदम को तवज्जो देगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा ने राज्य में दिलचस्प राजनीतिक संभावनाएं खोल दी हैं. पंजाब बीजेपी को एक ‘परिया’ पार्टी की अपनी छवि को छोड़ने और चुनावी गठबंधन के लिए अन्य राजनीतिक संगठनों के हितों को आकर्षित करने की उम्मीद है. लेकिन राज्य बीजेपी प्रमुख ने शिरोमणि अकाली दल के पास वापस जाने की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है.अश्वनी शर्मा ने कहा, ‘गठबंधन एक समान साझेदारी है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल पिछली बार 84 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ रही थी और बीजेपी ने गठबंधन में रहने का विकल्प चुना था क्योंकि इसे पंजाब के लाभ के लिए सोचा गया था. लेकिन हमें उस गठबंधन में वापस जाने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.’
पंजाब चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘कैप्टन साहब की शहरी क्षेत्रों में पहुंच है और उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन पर काम करने की इच्छा व्यक्त की है. शर्मा ने कहा कि रणनीति और आगे के रास्ते के बारे में सोचना बीजेपी नेतृत्व पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चरमरा गई है, दो शीर्ष नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष खुलेतौर पर चल रहा है और मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे झूठे वादों को पंजाब के लोग देख रहे हैं.
पंजाब के बीजेपी प्रमुख अश्वनी शर्मा का कहना है कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा से बड़े नेताओं के लिए अधिक अनुकूल माहौल संभव हो जाएगा. जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए इधर-उधर जाना मुश्किल नहीं था. उन्होंने कहा कि खासकर महामारी के दौरान जमीनी तौर पर बीजेपी कार्यकर्ता कठिन समय में लोगों के लिए काम करने के लिए इधर-उधर हो गए हैं.
शर्मा ने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ता जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और प्रतिक्रियाएं भी मिली हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के साथ बीजेपी अब बड़े कार्यक्रम आयोजित करने की दिशा में काम करना शुरू कर देगी.
अश्वनी शर्मा ने यह भी कहा, ‘मुझे 117 विधानसभा सीटें (पंजाब विधानसभा की ताकत) सौंपी गई हैं और इसी के लिए मैं काम कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी वो पार्टी नहीं है, जहां सबकुछ कोई परिवार तय करे. बल्कि यह संसदीय बोर्ड है, जिसका लिया हुआ हर निर्णय पंजाब की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की बेहतरी के लिए होगा.