बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। ऐसे में प्रदेश भर में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ और धार में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश भर में धूप-छांव के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है।
यह सिस्टम सक्रिय हुआ
वर्तमान में उत्तर/ पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवातीय गतिविधियों के प्रभाव में पश्चिमोत्तर बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब क्षेत्र सक्रिय हो चुका है। मॉनसून ट्रफ बीकानेर, जयपुर, गुना, सिवनी, गोंदिया, गोपालपुर और निम्न दाब क्षेत्र से होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली है। ट्रफ लाइन साउथ एमपी में अभी कुछ और नीचे आएगी। पश्चिमोत्तर राजस्थान-पंजाब और पूर्वोत्तर अरब सागर-कच्छ के क्षेत्रों में चक्रवातीय गतिविधियां हैं। इसी के कारण प्रदेश भर में 9 सितंबर तक अच्छी बारिश होने की संभावना है।
तीन इंच बारिश की जरूरत
प्रदेश में समय से पहले मानसून आया, लेकिन अब तक अच्छी बारिश नहीं हो सकी है। यही कारण है कि कई इलाके रेड जोन यानी सूखे की चपेट में आ गए हैं। प्रदेश में अब तक करीब 33 इंच बारिश होना चाहिए था, लेकिन तीन इंच कम यानी करीब 30 इंच ही पानी गिरा है। यही कारण है कि इसका सबसे ज्यादा असर मालवा-निमाण, बुंदेलखंड और जबलपुर के इलाकों पर पड़ा है।
प्रदेश के हालात बिगड़े
मध्यप्रदेश में बारिश का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। अगस्त में लगभग हर दिन बारिश हुई, लेकिन रिमझिम होने के कारण बारिश का कोटा पूरा नहीं हो सका। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के 17 जिले सूखा प्रभावित हो गए हैं। इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, हरदा, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, सगार, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, उमरिया और बालाघाट में सूखे के हालात बन गए हैं।
चौबीस घंटों के दौरान यहां बारिश हुई
विदिशा के कुरवाई में डेढ़ इंच, धार के बाग में डेढ़ इंच, भिंड के गोरमी में डेढ़ इंच, खरगोन में 1 इंच, , बैतूल के प्रभातपट्टन में 1 इंच, शिवपुरी के कोलारस में 1 इंच, मुरैना के पोरसा में 1 इंच, रायसेन के उदयपुरा में 1 इंच, अलीराजपुर, सीहोर, गुना, इंदौर, बड़वानी, रतलाम, झाबुआ, होशंगाबाद, उज्जैन, ग्वालियर, अशोकनगर, भोपाल, सागर, बालाघाट और रीवा समेत प्रदेश के अधिकांश इलाकों में कहीं-कहीं बारिश हुई।