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VHP की मोदी सरकार से मांग- मठ और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से करो आजाद

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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केंद्र सरकार से देशभर के हिंदू मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की है। विहिप के केंद्रीय प्रन्यासी मंडल व प्रबंध समिति की बैठक के अंतिम दिन हिंदू मंदिरों की स्वायत्तता और अवैध धर्मांतरण पर रोक के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने के संकल्प जैसे दो प्रस्ताव भी पारित किए गए।

फरीदाबाद के यहां मानव रचना विश्वविद्यालय में दो दिन चली इस बैठक में करीब 50 केंद्रीय व क्षेत्रीय पदाधिकारी कोविड नियमों का पालन करते हुए उपस्थित रहे। करीब 350 प्रांतीय पदाधिकारी और विदेशी पदाधिकारी ऑनलाइन माध्यम से बैठक से जुड़े रहे। बैठक के बाद विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने पत्रकारवार्ता में कहा कि देशभर के मठ-मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए पहला प्रस्ताव पारित किया गया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि मठ-मंदिर मात्र आस्था के ही केंद्रबिंदु नहीं हैं बल्कि चिरंजीवी शक्ति के केंद्र और हिंदू समाज की आत्मा हैं। इन्हें सरकारी नियंत्रण में नहीं रखा जाना चाहिए। अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं है। मठ-मंदिरों की देखभाल, संचालन व दायित्व हिंदू समाज को सौंपा जाना चाहिए। मठ-मंदिरों की आमदनी का बड़ा हिस्सा सरकार के पास चला जाता है। उन्होंने कहा कि नटराज मंदिर मामले सहित कई बार न्यायपालिका ने भी कहा है कि सरकारों को मंदिरों के नियंत्रण का कोई अधिकार नहीं है।

विहिप के केंद्रीय पदाधिकारियों ने अरावली पर्वत शृंखलाओं के बीच स्थित श्रीगोपाल गौशाला परिसर में पौधरोपण किया। विहिप के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ.आरएन सिंह, चंपत राय, आलोक कुमार, रमेश गुप्ता, कैलाश सिंहल व तिलकराज बैंसला आदि ने पौधरोपण किया।

धर्मांतरण को लेकर कानून बनाने का प्रस्ताव पारित
विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि डर, लालच और धोखे से धर्मांतरण गैरकानूनी हो, इसके लिए केंद्र सरकार कानून बनाए। देश में धर्मांतरण की समस्या व षड्यंत्र राष्ट्रव्यापी हैं। इसके अलग-अलग रूप है, जिन्हें कानून से ही रोका जा सकता है, इसलिए विहिप की इस बैठक में सर्वसम्मति से केंद्रीय कानून बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। सख्त कानून होगा तो लव जेहाद की घटनाएं भी रुकेंगी।

कोविड के खिलाफ युद्ध में जागरुकता जरूरी
विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा व उसके विरुद्ध युद्ध का आगाज इस बैठक में हुआ है। विहिप कार्यकर्ता देशभर की हिंदू शक्तियों के साथ मिलकर देश के एक लाख से अधिक गांवों एवं शहरी बस्तियों में व्यापक जनजागरण करके लोगों को इससे बचाव के प्रति जागरूक करेंगे और पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद भी करेंगे।

जनसंख्या नियंत्रण कानून में दो बच्चे जरूरी
विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून में दो बच्चे जरूरी हैं। इससे जनसंख्या नियंत्रित भी होगी और जनसंख्या संतुलन भी बना रहेगा। अगर इसे घटाकर एक किया गया तो इससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ जाएगा। विहिप का इस पर स्पष्ट विचार है कि अगर कानून बनता है तो इसमें दो बच्चों का प्रावधान हो।